सीमांत क्षेत्रों को मुख्य मार्गों से जोड़ने को बनेंगे रोप-वे: पर्यटन मंत्री

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देहरादून,  पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही दूरस्थ तथा सीमांत पहाड़ी क्षेत्रों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए अधिक से अधिक रोप-वे निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

सतपाल महाराज ने उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद तथा वाप्कोस लिमिटेड के मध्य रोप-वे से संबंधित एक एमओयू हस्ताक्षर समारोह में पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होनें कहा कि, “रोप-वे माध्यम से प्रदूषण को नियंत्रित करते हुए पहाड़ी स्थलों की यात्रा को आकर्षक तथा रोमांचक बनाया जा सकेगा और काफी कम समय में यात्रा पूरी की जा सकेगी।”

समारोह में जनपद पौड़ी के अन्तर्गत झलपाली से दीव ड़ाडा रसल्वाण, नीलकंठ तथा कीर्तिखाल से भैरवगढी मन्दिर के प्रस्तावित रोप-वे के क्रियान्वयन के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन विभाग की योजना राज्य के नैसर्गिक शीतकालीन गंतव्यों को मुख्य धारा से जोड़ना है ताकि अधिक से अधिक पर्यटक सुगमता से वहां पहुंच सके। रोप-वे से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा और ग्रामीण अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी। उन्होनें कहा कि पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वाप्कोस को सर्वश्रेष्ठ तकनीक का उपयोग करते हुए वैश्विक सुरक्षा मानकों का अनिवार्य रूप से अनुपालन करने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने बताया कि हाल ही में ऋषिकेश में आयोजित हुए पाटा टैवल मार्ट में पर्यटन उद्योग जगत के 25 देशों के कुल 300 से अधिक डेलीगेट्स ने भाग लिया। इस प्रकार के आयोजनों से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही राज्य के स्थानीय स्टेक होल्डर्स पर्यटन के अन्तरराष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे।

इस मौके पर पर्यटन सचिव जावलकर ने बताया कि, “वाप्कोस भारत सरकार की अग्रणी इंजिनियरिंग कंसलटेंसी संस्था है। ऐजेंसी साध्यता रिर्पोट, एरियल सर्वे तथा टोपोग्राफिकल सर्वे करने के पश्चात प्रोजेक्ट रिर्पोट उपलब्ध कराएगी, जबकि उत्तराखण्ड सरकार परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिये वाप्कोस को आवश्यक सूचनाएं, रिर्पोट, मानचित्र, जानकारी तथा आवश्यक आंकड़े उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि, “इस समझौते का उदेश्य राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक आवागमन को और आसान बनाते हुए राज्य में नए पर्यटन गन्तव्यों को विकसित करना है।” 

वाप्कोस के एक्सिक्यूटिव डाॅयरेक्टर प्रदीप कुमार ने बताया कि, “उनकी संस्था रोप-वे निर्माण के लिए विश्व के श्रेष्ठतम रोपवे तथा पैसेन्जर केबिन निर्माताओं का अध्ययन कर उपयुक्त तथा सर्वोच्च तकनीकी विशिष्टताओं एवं मानकों को सुनिश्चित करेगा।”