शौर्य सम्मान समारोह में वीर नारियों का किया गया सम्मान

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रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वीर नारियों के पैर छूकर व शाॅल भेंट कर वीर नारियों को सम्मानित किया।सर्वे आडिटाॅरियम में आयोजित शौर्य सम्मान समारोह में रक्षा मंत्री ने कहा कि, “अब तक वन रैंक वन पेंशन में 35 हजार करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय की भांति ही अर्धसैनिक कल्याण निदेशालय बनाए जाने की घोषणा की। “

रक्षा मंत्री ने वीर नारियों के पैर छूकर देश की ओर से कृतज्ञता प्रकट की।  रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि, “उत्तराखण्ड की वीर नारियों से मिलकर उन्हें सदैव पे्ररणा मिलती है। सैनिक हर परिस्थिति में देश के लिए खड़े होते हैं। देश रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों के प्रति हम सभी सदैव कृतज्ञ रहेंगे।” 

रक्षा मंत्री ने कहा कि, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वन रैंक वन पेंशन की न केवल इसकी स्वीकृति दी गई बल्कि इसके लिए पर्याप्त बजटीय प्राविधान भी किए। अभी तक ओआरओपी पर 35 हजार करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है। प्रति वर्ष 8 हजार करोड़ रूपए का बजट प्राविधान किया जाएगा। इसमें अब कोई भी एरियर लम्बित नहीं है। अब तीन वर्ष पूरे होने पर इस वर्ष इसकी समीक्षा भी की जाएगी और कोई कमियां पाएं जाने पर दूर किया जाएगा।” 

देश में 70 वर्ष बाद भी एक भी राष्ट्रीय वार मेमोरियल नहीं था। हमने फरवरी माह में नेशनल वार मेमोरियल बनाकर देश को समर्पित कर दिया है। यह हमारे शहीद सैनिकों की स्मृति को संजोए रखने का प्रयास है। पहले डिस्एबिलिटी के मामलों को सरकार द्वारा कोर्ट में अपील कर दी जाती थी। हमने ऐसे बहुत से मामलों को कोर्ट से वापिस लिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने सीविल से इक्वीलेट करने वाले नोटिफिकेशन को वापिस ले लिया है। एसएससी में महिलाओं को पुरूषों के समान ही स्थायी कमीशन मिलेगा। देश में 200-200 बेड के तीन बड़े ईसीएचएस अस्पताल बनाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में अर्धसैनिक कल्याण निदेशालय बनाया जाएगा। हम अपनी सेना की वीरता के कारण सुरक्षित महसूस करते हैं। हमारी सेना की यह वीरता पहले भी थी और आगे भी रहेगी। जरूरत थी इनका साथ देने के लिए राजनीतिक निर्णय लेने की इच्छाशक्ति की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वह इच्छा शक्ति दिखाई है। उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए सेना को पूरी स्वतंत्रता दी है। आज पूरे विश्व में यह संदेश गया है कि हम आतंकवाद को समाप्त करने के लिए दुश्मन के यहां घुसेंगे भी, मारेेंगे भी और वापिस भी आएंगे।