‘मिस्टर क्लीन’ कहलाने वाले देश के पहले IIT के पढ़े मुख्यमंत्री थे मनोहर पर्रिकर

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मनोहर पर्रिकर मार्च 2017 में रक्षा मंत्री का पद छोड़कर चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने थे. भारतीय राजनीति में मनोहर पर्रिकर की पहचान ‘मिस्टर क्लीन’ के रूप में होती है. बेहद सरल और बिना तामझाम के जीवन जीने वाले मनोहर पर्रिकर हमेशा जनता से जुड़े रहने की कोशिश करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 के मापुसा में हुआ था. मनोहर पर्रिकर का पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्णन प्रभु पर्रिकर है. आमतौर पर कहते हैं कि भारतीय राजनीति में पिछले कुछ वर्षों में कम पढ़े-लिखे लोग आ रहे हैं, लेकिन मनोहर पर्रिकर ने 1978 में IIT मुंबई से ग्रेजुएशन किया. मनोहर पर्रिकर भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने IIT ग्रेजुएशन किया था.

मनोहर पर्रिकर को 2001 में IIT मुंबई ने विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की थी. मनोहर पर्रिकर गोवा में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने थे. 1994 में मनोहर पर्रिकर गोवा की द्वितीय व्यवस्थापिका के लिए चयनित किया गया था. 24 अक्टूबर 2000 को वह गोवा के पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन सरकार 27 फरवरी 2002 तक ही चल पाई. जून 2002 में वह दोबारा सभा के सदस्य बने और 5 जून 2002 को एक बार फिर गोवा के सीएम बने.

मनोहर पर्रिकर की साफ सुथरी छवि को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें केंद्र में रक्षा मंत्री बनाया था. मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते हुए भारतीय सेना ने दो बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था. नवंबर 2017 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करते हुए कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. इस ऑपरेशन में पैरा स्पेशल फोर्स के 25 कमांडो एमआई-17 हेलिकॉप्टरों में सवार होकर पीओके में तीन किलोमीटर अंदर तक गए थे. इन्होंने दुश्मन को बड़े पैमाने पर नुकसान किया और वापस लौटे तो हमारे जवानों को खरोंच तक नहीं आई थी.

इससे पहले 4 जून, 2015 को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने हमला कर सेना के 18 जवानों की जान ली थी. इसके बाद म्यांमार सीमा में भारतीय पैराकमांडो घुसे और उग्रवादियों के दो कैंप तबाह कर दिए. इस ऑपरेशन में करीब 100 उग्रवादी मारे गए. इस ऑपरेशन में 70 कमांडो शामिल थे और ऑपरेशन 40 मिनट तक चला था. मनोहर पर्रिकर के बारे में कहा जाता है कि वे बेहद साधारण जीवन जीते हैं, शहर में बगल से गुजर जाते हैं, पर पता भी नहीं चलता है.