उर्गम घाटी के ग्रामीणों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

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गोपेश्वर,  चमोली जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र उर्गम घाटी के उत्तरी अलकनंदा विकास संघ ने जिलाधिकारी चमोली को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया है कि लंबे समय से मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीण कई बार अपनी समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर शासन प्रशासन का चक्कर काट चुके हैं लेकिन मांग पर गौर नहीं किया जा रहा है। यदि जल्द ही समस्याओं के समाधान की दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की जाती है तो क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग लोक सभा चुनाव बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे।

संघ के अध्यक्ष आईएस सनवाल के नेतृत्व में ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी चमोली से मिला। सनवाल का कहना है कि दशोली व जोशीमठ के स्यूण, बेमरू, मठ-झडेता, डुमक कलगोट पल्ला-जखोला, किमाणा के एक दर्जन से अधिक गांवों के 5000 से अधिक की जनसंख्या ने आजादी से लेकर आज तक सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं दूरसंचार आदि की मांग को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। यदि समय रहते उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है तो ग्रामीण सामूहिक रूप से आगामी लोक सभा चुनाव के बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे।

क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि जहां देश 21वीं सदी में प्रवेश कर गया है वहीं दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामीण गुलामों जैसा जीवन जीने को मजबूर हैं। आज भी लोग 20 से 25 किमी की दूरी पैदल तय कर सड़क मार्ग तक पहुंच रहे हैं। जिलाधिकारी को मिलने वालोें में बहादूर सिंह रावत, हरीश सिह रावत, मोहन सिंह, गबर सिंह आदि शामिल थे।