चुनावी चर्चा- स्टार कैंपेनर की नाराजगी

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मुंबई,  विवेक ओबेराय और उनकी टीम को शुक्रवार का बेसब्री से इंतजार था, जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी पर बनी फिल्म का भविष्य सुप्रीम कोर्ट को तय करना था।

चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलकर गदगद हुए विवेक ने सरेआम एलान कर दिया था कि अब कोई परेशानी नहीं है। बकौल विवेक, आयोग के अधिकारीगण हमारी फिल्म से प्रसन्न हैं। प्रसन्नता की इस खबर की असलियत तब सामने आई, जब आयोग के सूत्रों ने ही इस फिल्म के कई संवादों पर आपत्ति करते हुए लीक कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट को भेजी गई रिपोर्ट में आयोग अपने रवैये पर कायम है।

शुक्रवार को आए फैसले ने विवेक की फिल्म के लिए सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं। अब उनको अंतिम चरण के मतदान का इंतजार करना होगा। इसके बाद ही फिल्म रिलीज हो सकती है। साफ है कि तूफानी अंदाज में फिल्म को बनाने का मकसद धरा का धरा रह गया। विवेक ओबेराय शुक्रवार के फैसले से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इस फिल्म के लिए उन्होंने एक शो और दो फिल्मों की कुर्बानी दी थी। दिन-रात फिल्म की शूटिंग की थी। पैर में जख्म होने पर भी विवेक ने शूटिंग नहीं रोकी थी।

फिल्म बनकर रिलीज हुई थी, तो रिलीज से पहले दिल्ली, मुंबई और दुबई, लंदन, न्यूयार्क तक न जाने कितनी जगह प्रीमियर करने के मंसूबे थे, जो सब धरे के धरे रह गए। याद हो, तो इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने विवेक ओबेराय, जो पार्टी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं, उनको गुजरात के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया था।

शुक्रवार के फैसले के बाद नाखुश विवेक ओबेराय के दोस्त कह रहे हैं कि स्टार प्रचारक के तौर पर फिलहाल वे गुजरात नहीं जाएंगे। विवेक सुप्रीम कोर्ट से ज्यादा खफा चुनाव आयोग से हैं, जिन्होंने उनकी सारी प्लानिंग ध्वस्त की। विवेक ओबेराय को भरोसा था कि चुनाव आयोग में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का इतना असर जरुर होगा, जो इस फिल्म का रास्ता साफ कर देगा। दस अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद चुनाव आयोग के बैन ने विवेक को झटका दिया। फिल्म की टीम भी मान रही है कि फिल्म को पार्टी से वैसा समर्थन नहीं मिला, जैसा कि उम्मीद की जा रही थी।

फैसला आने के बाद विवेक ओबेराय के साथ टीम की मीटिंग में भी यही भावना महसूस की गई। अब ये टीम मतगणना वाले दिन का इंतजार करेगी और जब मोदी की प्रधानमंत्री के तौर पर वापसी होगी, तभी विवेक एंड कंपनी के चेहरे का कमल खिलेगा, इस बीच ये सवाल बना हुआ है कि क्या विवेक गुजरात में पार्टी के प्रचार की जिम्मेदारी निभाएंगे, तो उनकी टीम का जवाब होता है, नो कमेंट। राजनीति के मैदान में इससे ज्यादा अराजनैतिक कमेंट नहीं होता, जो कुछ न कहकर बहुत कुछ कह जाता है।