एक जून को खुलेगी पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी

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2004
फूलों
गोपेश्वर। विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए एक जून को खुलने जा रही है। इससे पहले यहां के पैदल मार्ग को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। वन विभाग ने आगामी 25 मई तक मार्ग को सुचारु करने का दावा किया है। इन दिनों नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के कर्मचारी और मजदूर युद्ध स्तर पर पैदल मार्ग के सुधारीकरण में जुटे हुए हैं।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी आगामी एक जून को पर्यटकों के लिये खोल दी जाएगी। यहां बर्फवारी से बामणधोड, द्वारीपुल और नागपाल में पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त पडा हुआ था। जिसका पार्क के कर्मचारी और मजदूर सुधारीकरण में जुटे हुए है। घाटी के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि मार्ग के क्षतिग्र्रस्त हिस्सों का सुधारीकरण अंतिम चरण में है। यहां अन्य यात्री सुविधाएं भी जुटाई जा रही हैं। 25 मई तक घाटी के पैदल मार्ग को पर्यटकों की आवाजाही लायक बना लिया जाएगा।
कहां है फूलों की घाटी
विश्व की प्रसिद्ध फूलों की घाटी चमोली जिले के जोशीमठ ब्लॉक में समुद्रतल से 3650 मीटर पर स्थित है। घाटी की खोज इंग्लैंड के प्रसिद्ध पर्वतारोही फैंक स्माइल ने 1931 में की थी। यहां से लौटने के बाद उन्होंने वैली ऑफ फ्लावर्स नाम की पुस्तक प्रकाशित की। जिसके बाद घाटी विश्व में प्रसिद्ध हुई। वर्ष 1982 में घाटी के 87.51 भू-भाग को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। जिसके वर्ष 2001 में घाटी के संरक्षण का जिम्मा नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क को सौंपा गया और वर्ष 2005 में यूनेस्को की ओर से घाटी को विश्व धरोहर का दर्जा भी दिया गया है। घाटी वनस्पति विज्ञानियों के अनुसार घाटी में 500 से अधिक हिमालयी फूलों की किस्म मौजूद हैं।
कैसे पहुंचे फूलों की घाटी
फूलों की घाटी पहुंचने के लिए चमोली जिले में सडक मार्ग का अंतिम पडाव गोविंदघाट है। यहां से 14 किमी की पैदल दूरी पार कर फूलों की घाटी पहुंचा जा सकता है। पैदल मार्ग पर घांघिरिया पडाव पर रहने व खाने की सुविधा उपलब्ध है।