नायाबः अब अंडर वाटर ओल्ड टिहरी ले जाएगी पनडुब्बी

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    टिहरी
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    हर साल उत्तराखंड में हजारों लाखों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं- चाहे वो उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र हो या मैदानी क्षेत्र लोगों का तांता लगा रहता है।हिल स्टेशन मसूरी हो या नैनीताल, या पवित्र केदारनाथ और बद्रीनाथ उत्तराखंड में पर्यटक आते ही रहते हैं।हमेशा से ही पर्यटन ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में सहयोग किया है और टूरिज्म से उत्तराखंड को सहयोग मिलता रहा है।उत्तराखंड की नई सरकार ने आते ही टूरिज्म को बढ़ाने के लिए एक अलग और रोचक पहल की है- जी हां हम बात कर रहे हैं सालों पहले डूबे टिहरी शहर की जिसकी यात्रा अब आपको पनडूब्बी कराएगा।

    गौरतलब है कि ओल्ड टिहरी वर्ष 1990 में धीरे धीरे पानी में समाहित हो गया था, जब टिहरी डैम को बनाने के लिए सरकार ने हरी झंडी दिखाई थी।हालांकि पुरानी टिहरी में रहने वाले निवासी नई टिहरी में बस गए लेकिन पुरानी टिहरी की इमारतें अभी भी पानी के अंदर है।उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पानी के अंदर सफर करना एक अलग और उत्साहवर्धक अनुभव होगा और इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा खासकर के विदेशी पर्यटकों को।

    अभी तक अंडर वाटर टूरिज्म के लिए भारत में संमुद्री इलाके और द्वीप ही मशहूर थे। लेकिन टिहरी में वाटर स्पोर्टस शुरु करने से पनडुब्बी के माध्यम से लोगों के लिए पानी के अंदर सफर करने का सपना पूरा हो सकता है।पर्यटन मंत्री के अनुसार पहले छोटी पनडुब्बीयों को टिहरी झील में भेजा जाएगा जो आपको ओल्ड टिहरी की छवि दिखाएगा।

    पुरानी बिल्डिंग और स्वरुप जैसे कि घंटाघर, पुराना दरबार, नया दरबार, स्वामी राम तीर्थ आश्रम, मेन मार्केट एरिया, पकौड़े वाली गली आदि जगह डूबे हुए टिहरी के खास आर्कषण है जो पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करते हैं।यह आम सफर नहीं होगा इसके जरिए पर्यटक वर्तमान समय से थोड़ा पीछे जाऐंगे और ओल्ड टिहरी के निवासीयों और टिहरी द्वारा किए हुए संघर्ष और बलिदान को अनुभव कर पाऐंगे।वैसे भी दुनिया के हर कोने में पनडुब्बियों की यात्रा मशहूर है।

    उत्तराखंड पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार ओल्ड टिहरी को एक टूरिस्ट हाटस्पाट बनाना,नई सरकार के मुख्य कामों में एक है।इसके अलावा टूरिज्म डिर्पाटमेंट इस बात पर भी ध्यान देगा कि आर्युवेद टूरिज्म,इको टूरिज्म और इको टूरिज्म को प्रमोट कर सके।