उत्तराखंड के वित्तमंत्री प्रकाश पंत(58 वर्ष) का निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उन्होंने अमेरिका के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके निधन पर दुख जताते हुए तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।
आपको बता दें कि प्रकाश पंत एक हफ्ते पहले ही उपचार के लिए अमेरिका गए थे। वे उत्तराखंड सरकार में वित्त, संसदीय कार्य और आबकारी मंत्री के पद पर थे। उनके निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। सीएम रावत और राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा, प्रकाश पंत का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से अपूर्णीय श्रति है। उनके निधन से हमारा तीन दशक पुराना साथ यादों में रह गया है।
पंत के निधन पर पीएम, राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत तमाम लोगों ने दुख व्यक्त किया है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने दुःख की इस घड़ी में मृतक की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है ।
अपने शोक संदेश में राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि, “स्वर्गीय प्रकाश पंत जी एक अत्यंत मृदुभाषी ,मिलनसार , लोकप्रिय राजनेताथे । श्री प्रकाश पंत एक बेहद सक्षम और कुशल प्रशासक थे । वे जनता के बीच अत्यंत लोकप्रिय थे और सामाजिक सरोकारों से हमेशा जुड़े रहते थे । उत्तराखंड की राजनीति में अपना एक विशेष स्थान बनाया था , उनके निधन से उत्तराखंड की अपूरणीय क्षति हुई है।”
राज्यपाल ने गुरुवार को अपनी सभी मुलाकातें और बैठकें रद्द कर दी हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अपने शोक संदेश में कहा कि प्रकाश के रूप में आज उन्होंने अपना छोटा भाई खो दिया है। प्रकाश पंत केवल एक राजनेता के तौर पर नहीं बल्कि आकर्षक व्यक्तित्व के धनी प्रकाश की कमी सदैव खलेगी। सदन में सबको साथ लेकर चलने की उनकी कुशलता, वित्तीय मामलों का ज्ञान और विपक्ष के हर तीखें वार का एक मीठी मुस्कान से जवाब देना, ये सब अब उनकी यादों में रहेगा। शांत, सौम्य और सरल स्वभाव के धनी प्रकाशजी ने अपने लम्बे राजनैतिक जीवन में प्रदेश के गठन और बाद में प्रदेश को एक नई दिशा देने में बड़ी भूमिका निभायी। उनके निधन से प्रदेश एवं हमारे भाजपा संगठन ने एक बहुत बड़ा व्यक्तित्व को खो दिया।
कांग्रेसी नेता किशोर उपाध्याय ने कहा, “प्रकाश पंत जी के निधन की ख़बर ने तन-मन दोनों को तोड़ कर रख दिया। उत्तराखंड की राजनीति का अजातशत्रु चला गया।राजनीति ने तुम्हारे साथ न्याय नहीं किया। मेरे मित्र स्वर्ग में भी अजातशत्रु ही रहोगे। परिवारजनों/परिजनों व तुम्हारे चाहने वालों के लिये सांत्वना के शब्द ढूँढकर भी नहीं मिल पा रहे।”
प्रकाश पंत का जन्म 11 नवंबर 1960 पिथौरागढ़ जिले खड़कोट गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहन चंद्र पंत और मां का नाम कमला पंत हैं। पंत ने 1984 में सरकारी सेवा में स्वच्छंद रूप से समाज सेवा न कर पाने के कारण पद से त्यागपत्र दिया और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। वे सर्वप्रथम, पिथौरागढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से 2002 से 2007 तक निर्वाचित हुए।