पुरानी सरकार के साथ गुम हुआ ”वाटर एटीएम”

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नई सरकार के आने से लगभग साढे चार महीने पहले देहरादून के साथ राज्य के तीन शहरों के सार्वजनिक स्थानों पर मिलने वाला साफ और सस्ता पानी मिलने की उम्मीद भी अब ठंडे बस्तें में हैं।नई सरकार बनने के साथ ही पानी की दरकार करने वालों को यह बड़ा झटका लगा है।कांग्रेस की सरकार में बनाई गई इस योजना को बीजेपी सरकार बनते ही बंद कर दिया गया है।पानी की इस बंदी के बाद अब राहगीरों को सार्वजनिक स्थानों पर खरीदकर पानी पीना पड़ रहा है।

पूरे प्रदेश की बात तो बहुत बड़ी है, अब लोगों को देहरादून में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पीने लायक पानी नहीं मिल पा रहा है।अब जब गर्मीयों का मौसम दस्तक दे चुका है ऐसे में लोगों को पीने का पानी ना मिलने से कापी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।पिछले साल राज्य स्थापना दिवस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में वाटर एटीएम लगाने की योजना का उद्घाटन किया था।साथ ही दून में एक वाटर एटीएम भी लगाया गया था।इस योजना के अंर्तगत फिलहाल दून,ऋषिकेश व हरिद्वार में दस-दस वाटर एटीएम लगने थे।इन एटीएम से लोगों को एक रुपये में एक लीटर साफ पानी उपलब्ध होता।उत्तराखंड पेयजल निगम को एक प्राइवेट केंपनी के साथ मिलकर यह एटीएम लगाने थे जबकि पानी की व्यव्स्था करने की जिम्मेदारी जल संस्थान की दी गई थी।पिछली सरकार ने यह बात की थी अगर तीन शहरों में वाटर एटीम सफल रहे तो प्रदेश में हर जगह वाटर एटीएम लगाए जाऐंगे।लेकिन प्रदेश में नई सरकार आते ही यह योजना डंप कर दी गई है।

सियासी उतार चढ़ाव और तख्ता पलट होने की वजह से बहुत सी ऐसी योजनाएं है जो यू तो पब्लिक के लिए फायदेमंद है लेकिन सरकार बदलते ही उनको डंप कर दिया जाता है।ऐसी योजनाओं की श्रेणी में है यह वाटर एटीएम जो राहगीरों के साथ उन लोगों को लिए भी लाभकारी थी जिनके पास ना रहने के लिए घर है ना खाने के लिए खाना।