हल्द्वानी जेल में कैदियों के लिये नहीं है पीने का पानी

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हल्द्वानी जेल प्रशासन कर्जदार तो बना ही, प्यासा भी रह गया। जेल में पेयजल की भारी किल्लत बनी हुई है। जेल प्रशासन के लिये तब हालात बगले झांकने जैसे हो गये जब जिला जज, डीएम व एसएसपी के निरीक्षण में कैदियों ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को दुरुस्त करने की मांग की है। अफसरों ने भोजन गुणवत्ता, आवासीय आदि व्यवस्थाओं के बारे में भी कैदियों से मालुमात की।

जिला जज कुमकुम रानी, जिलाधिकारी दीपक रावत व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी ने शनिवार को उप कारागार का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने कारागार के बैरकों में जाकर कैदियों से भोजन गुणवत्ता, आवासीय व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा के सम्बन्ध में कैदियों से मालूमात की। इस दौरान कैदियों ने पेयजल किल्लत, मेडिकल संबंधी समस्या उठाई। डीएम ने मौजूद जेलर मनोज आर्या को कैदियों को दिये जाने वाले पेयजल, भोजन की गुणवत्ता एवं पौष्टिकता का ध्यान रखने के निर्देश देते हुए मेडिकल चेकअप भी करायें।

निरीक्षण के दौरान सिविल जज सीनियर डिवीजन राजीव धवन भी मौजूद थे। गौरतलब है कि उप कारागार में 811 कैदी है। जेल में टयूबेवल के बावजूद पेयजल किल्लत की समस्या से कैदी परेशान हैं। दरअसल जेल प्रशासन ने जल संस्थान का लंबा चौड़ा बिल जमा नहीं कराया है। ऐसे में जेल प्रशासन कर्जदार तो बन गया लेकिन प्यासा रह गया। इधर जल संस्थान के अफसरों के अनुसार जेल पर करीब आठ लाख रुपये बकाया था अब संयोजन काट दिये गये हैं कुछ उनका बिल कम होना है लेकिन अभी तक बिल जमा नहीं कराया गया है।

वहीं उधमसिंह नगर में जेल निर्माण के लिए 40 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है। वहां जेल का निर्माण हो जाने से इस जेल पर कैदियों का दबाव कम हो जायेगा। चूंकि यहां 811 कैदियों में अधिकांश उसी जिले के रहने वाले हैं। यह जानकारी अफसरों के जेल निरीक्षण के दौरान प्राप्त हुई।