पर्वतीय शिल्पकार कल्याण सभा चमोली ने किया गाजे बाजे के साथ प्रदर्शन

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गोपेश्वर, पर्वतीय शिल्पकार सभा ने शुक्रवार को गाजे बाजे के साथ चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर की सड़कों पर प्रदर्शन कर जिला प्रशासन पर अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया है। कहा कि जानबूझ कर जिला प्रशासन भूमिहीन अनुसूचित जाति के लोगों को परेशान कर उनके भवनों को तोड़ कर उन्हें बेघर कर रही है।
इस संबंध में एक ज्ञापन जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी भेजा गया है। वहीं जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना भी शुरू कर दिया गया है। कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो 15 अगस्त से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
पर्वतीय शिल्पकार सभा के बैनर तले, मूल निवासी संघ व अन्य संगठनों ने चमोली जिले के अनुसूचित जाति के लोगों ने बस स्टेशन गोपेश्वर में एकत्र होकर जिलाधिकारी कार्यालय पर गाजे बाजे के साथ प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचने पर यहां पर एक सभा की गई जिसमें कहा गया कि जिला प्रशासन चमोली के अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार कर रही है।
जिला मुख्यालय पर अवैध अतिक्रमण के नाम पर भूमिहीन काश्तकारों के भवनों को तोड़कर इस बरसात के मौसम में उन्हें बेघर कर दिया गया है। यही नहीं पालिका ने कुछ ऐसे भवनों को भी तोड़ा है जो कि अनुसूचित जाति के लोगों के नाप भूमि पर बन रहे थे और प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें भवन बनाने के लिए ऋण दिया गया था। कहा कि शासनादेश है कि भूमिहीन अनुसूचित जाति के लोगों का यदि किसी सरकारी भूमि पर कब्जा है तो उसे उसके नाम किया जाए मगर यहां उल्टा उनके भवनों को तोड़कर उन्हें बेघर किया जा रहा है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि अनुसूचित जाति के लोगों का मनोबल कम न किया जाए। और जिस भूमि पर उनका कब्जा है उसे नियमित किया जाए।
पर्वतीय शिल्पकार सभा के जिलाध्यक्ष मोहन बजवाल, बचन लाल टम्टा, जगत लाल, दर्शन लाल, रघुवीर लाल, शिवलाल स्नेही, मुरारी लाल, इंद्रप्रकाश रडवाल, पुष्कर सुरी आदि ने अपने विचार रखे।