देहरादून, पर्वतारोही अपर्णा कुमार के लिए साल 2019 बहुत ही खास रहा, सात महाद्वीपों पर सात शिखर फतह करने वाली पहली भारतीय महिला होने का इतिहास रचा इन्होंने इसी साल रचा। एक जबरदस्त उपलब्धि जिसके लिए उन्हें आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर प्रतिष्ठित तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2019 से नवाजा जाएगा।
न्यूजपोस्ट से बातचीत में बताया, “मुझे इस बात से राहत मिली है साथ ही कड़ी मेहनत करने और बेहतर करने के लिए प्रेरणा भी मिली है। यह केवल शुरुआत है, और किसी भी राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी मान्यता बहुत उत्साहजनक होता है।”
इस साल की शुरुआत में, जनवरी में, 45 वर्षीय, भारतीय पुलिस सेवा अपर्णा कुमार भारत तिब्बत सीमा पुलिस, सीमादवार, देहरादून डीआईजी प्रशिक्षण, करने के दौरान दक्षिण ध्रुव पर तिरंगा फहरा चुकी है। और इसके महीने बाद ही, वह माउंट डेनाली पर भी फतल कर लिया था।
मई 2016 में, अपर्णा ने नॉर्थ फेस से माउंट एवरेस्ट समिट किया, और दुनियाभर की महिलाओं के लिए उनका एक ही संदेश था: “हर किसी को कोशिश करते रहना चाहिए और कोशिश करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। एक दिशा में ध्यान केंद्रित करने और पूरी लगन के साथ अपने जुनून के लिए आगे बढ़ते रहना महत्वपूर्ण है। ”
दो बच्चों की मां अपर्णा कुमार 2002 बैच की आईपीएस हैं और उत्तर प्रदेश कैडर में हैं। वह पहली आईपीएस और आईटीबीपी अधिकारी है जिन्हें धरती के सबसे दक्षिणी सिरे को सफलतापूर्वक चढ़ाई करने का टाइटिल मिला है।
कर्नाटक में जन्मी और पली-बढ़ी, अपर्णा को माउंटेनियरिंग ने अपनी ओर आकर्षित किया, जिसको उन्होंने अपने अंदर कम ना होने दिया और उसे लेकर वह लगातार आगे बढ़ती रहीं। इन्होंने पिछले छह सालों में, सात महाद्वीपों में प्रमुख चोटियों को सफलतापूर्वक फतह किया है। उनके कभी न रुकने और थकने वाले जज्बे ने इस साल जनवरी में उन्हें दक्षिण ध्रुव के लिए दो गाइड के साथ सात सदस्यीय अभियान दल का हिस्सा बनाया।
भारत में एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए अर्जुन अवार्ड जैसे सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद अपर्णा ने यह साफ कर दिया है, कि अगर हममें साहस है और फोकस्ड दिमाग है जो आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है तो कभी भी सपने सच हो सकते हैं।