देहरादून, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के ठीक एक दिन पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों में शाामिल 40 पदाधिकारियों सहित अपने 90 नेताओं पर गाज गिराई है। आगे भी अन्य कार्यकर्ताओं को पार्टी लाईन से बाहर जाने पर कड़े कार्यवाही की चेतावनी दी है।
पांच अक्टूबर शनिवार को राज्य के 30 ब्लॉंक में होने वाले पंचायत चुनाव से ठीक एक दिन पहले भाजपा प्रदेश नेतृत्व अपने 40 पदाधिकारियों और 50 कार्यकर्ताओं सहित कुल 90 नेताओं को छह साल के लिए पार्टी विरोधी कार्यो में लिप्त होने पर निष्कासित कर दिया है। ये नेता 11 जिलों के है। सबसे कम देहरादून और उत्तरकाशी से है, जबकि उधमसिंह नगर, अल्मोड़ा और चमोली, टिहरी में सबसे ज्यादा नेता शामिल है। पार्टी का कहना है कि इन कार्यकर्ताओं को पहले भी चेतावनी जारी की गई थी फिर भी वो पार्टी विरोधी कार्यो को अंजाम देते रहे।
प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी ने अन्य कार्यकर्ताओं व पदाधिकारी को अनुशासन में रहकर कार्य की हिदायत देते हुए कहा कि, “पार्टी विरोधी कार्यो को सहन नही किया जाएगा। शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। शायद इसलिए भी चुनावों के मौके पर विद्रोह करने वाले नेताओं की संख्या बढ़ गई है।”
वहीं प्रदेश मीडिया प्रभारी डा.देवेंद्र भसीन ने बताया कि, “इस सूची में शामिल 90 नामों में पूर्व में जारी सूची के 40 पदाधिकारियों के नाम भी शामिल हैं जिन पर निष्कासन की कार्यवाही शुरू की गई थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट के निर्देश पर इन नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने के साथ पदमुक्त कर दिया गया हैै। “अजय भटृ का कहना है कि पार्टी अनुशासनहीनता किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगी और पार्टी के विरुद्ध काम करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
बताया जा रहा है कि, “भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने सभी ज़िलों से रिपोर्ट मंगवाई गई है। उसी आधार पर इन नेताओं पर गाज किरी है। पार्टी संगठन का कहना है कि पंचायत चुनावों में पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त किसी भी बड़े-छोटे नेता को छोड़ा नहीं जाएगा। लेकिन अन्य चुनावों में ऐसा पहले भी हुआ है कि चुनाव के ठीक पहले हटाए गए नेताओं को बाद में पार्टी में वापस ले लिया गया है।”