गोपेश्वर, केदारनाथ भगवान की चल विग्रह पंचमुखी विग्रह मूर्ति गुरुवार को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रस्थान कर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंची। विग्रह डोली को स्थापित होते ही भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गयी हैं। इस अवसर पर सैकड़ों भक्तों के साथ ही स्थानीय जनता दर्शन को यहां पहुंची थी।
गुरुवार को साढे़ ग्यारह बजे चल विग्रह डोली सेना के जेकलाई रेजीमेंट की बैंड के साथ समारोह पूर्वक गद्दी स्थल पहुंची। गुप्तकाशी बाजार, कुंड, विद्यापीठ, संसारी सहित अनेक स्थानों पर डोली का भव्य स्वागत किया गया।
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग एवं बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने डोली की अगवानी की। डोली को ओंकारेश्वर मंदिर में स्थापित किया गया। इसके साथ ही केदारनाथ भगवान की शीतकालीन पूजायें भी शुरू हो गयी। पुजारी केदार लिंग, पूर्व विधायक शैलारानी रावत, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, थाना प्रभारी सुबोध ममगाईं, एसआई मंसूर अली, डोली प्रभारी यदुवीर पुष्पवान आदि मौजूद थे।
मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डाॅ.हरीश गौड़ ने बताया कि 29 अक्टूबर भैयादूज को प्रातरू श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गये। इसी दिन चल विग्रह डोली रामपुर पहुंची बुधवार को डोली ने विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में प्रवास किया और गुरुवार को डोली शीतकालीन गद्दी स्थल पर विराजमान हो गई है।