डोईवाला- सर्दियां बच्चे हों या बुजर्ग सभी के लिए बिमारियों का न्यौता लेकर आती हैं। पिछले कुछ समय से ऐसा पाया गया है कि बुजुर्गों को सर्दियों में मृत्यु की आशंका बढ़ रही है। इसका कारण सर्दी व सर्दियों में होने वाली वाली इंफ्लुएंजा जैसी बीमारिया हैं।
हिमालयन हॉस्पिटल में वरिष्ठ छाती एवं श्वास रोग चिकित्सक डॉ.राखी खंडूरी ने बताया कि ठंड में बुजुर्गों को अपना ज्यादा ख्याल रखना चाहिए क्योंकि बच्चों की तरह उनको भी ठंड की अनुभूति कम होती है। इसलिए वे मौसम के लिए उचित कपडे नहीं पहनते हैं। बढ़ती उम्र के साथ शरीर के तापमान को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता भी कम होती है। बुजुर्गों को आम तौर पर कई पुरानी बीमारियां भी होती हैं जिसके दुष्प्रभाव ठंड में बढ़ जाते हैं। इसलिए उन्हें अपना ध्यान ज्यादा ऱखने की जरुरत है।
डॉ.राखी खंडूरी का कहना है कि कोहरे की वजह से धूल-कण का घनत्व बढ़ गया है। हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से श्वास रोगियों की मुसीबत बढ़ जाती है। फेफड़े में संक्रमण होने से ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलती है और श्वसन तंत्र फेल होने लगता है। ऐसे में तत्काल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। इसमें लापरवाही जान पर भारी पड़ रही है।
इन्फ्लूएंजा वैक्सीन कारगर
श्वास रोगियों विशेषकर बुजुर्गों को को सितंबर-अक्टूबर में इन्फ्लूएंजा वैक्सीन (टीका) लगवानी चाहिए। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। इसलिए एहतियातन वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।
ऐसे करें बचाव
-सुबह और शाम की सैर नही करनी चाहिए। सैर सिर्फ दिन में करें। धूप में बैठें और धूप न होने पर बाहर न निकलें।
-ठंड से सीधे संपर्क में न आएं।
-ठंड से बचने के लिए कई परतों में कपड़े पहनें।
-सिर को एवं पैर को जरूर ढक कर रखें।
-घर और कमरें को भी गर्म करके रखें। हीटर का उपयोग करें। ऑयल हीटर का उपयोग बाकी किसी भी अन्य हीटर से बेहतर है।
-कमरे की हवा को पर्याप्त रुप से नमी रखा जाना चाहिए।
-सर्दियों में पानी पीना भी जरूरी है। चाहे प्यास न लगे। गर्म पानी पिएं और वह भी 8-10 गिलास।
-गर्म पेय और खाद्य पदार्थ खाएं।
-पुरानी बिमारी वाले बुजुर्गों को अपने चिकित्सक को दिखाना चाहिए और रक्तचाप और फेफड़े की स्थिति को चेकअप कराना चाहिए।
-कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।