निर्भया के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी, दून के डॉक्टर ने क्यों ली राहत की सांस?

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निर्भया गैंगरेप के मामले में चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। अदालत ने मंगलवार को ब्लैक वारंट यानि डेथ वारंट जारी कर दिया। इस डेथ वारंट में एक फार्म नंबर 42 है जिसमें दोषियों की फांसी की सजा की जानकारी विस्तार में लिखी है।
वहीं निर्भया के दोषियों की सजा पर निर्भया का इलाज करने वाले डॉक्टर विपुल कंडवाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे देश की जनसंख्या काफी है जिसके कारण फैसला आने में देर हुई पर हमें अपने कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, आज उसकी आत्मा को शांति मिली होगी इस फैसले से मैं काफी खुश हूं क्योंकि उसका जो हाल इन दरिंदो ने किया था वो बताया भी नही जा सकता है, ब्यान करना मुश्किल है।
फांसी के लिये फार्म संख्या 42 के पहले कॉलम में उस जेल का नंबर लिखा है, जिसमें दोषियों को फांसी दी जाएगी। उसके अगले कॉलम में फांसी पर चढऩे वाले दोषियों के नाम लिखे हैं। उसके अगले कॉलम में केस का एफआईआर नंबर लिखा है। उसके अगले कॉलम में उस तारीख का जिक्र है जिस दिन ब्लैक वारंट जारी हुआ है। उसके अगले कॉलम में फांसी के दिन की तारीख, समय और किस जगह फांसी दी जाएगी यह सब लिखा है।
फार्म के एक कॉलम में साफ साफ लिखा है कि जिन लोगों को फांसी दी जा रही है उन्हें तब तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए जब तक उनकी मौत न हो जाए। सबसे नीचे समय, दिन और ब्लैक वारंट जारी करने वाले जज का साइन है। दोषियों को फांसी होने के बाद जेल प्रशासन को उनकी मौत से जुड़े कागजात और फांसी हो गई है इसकी जानकारी लिखित रूप से कोर्ट को देना होता है।
दया याचिका पर हुआ विवाद पत्र लिखकर वापस लिया
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषी विनय शर्मा ने अपनी सजा को माफ करने को लेकर दया याचिका भेजी थी। लेकिन बाद में इसपर विवाद हो गया। विनय शर्मा ने अपने वकील के मार्फत राष्ट्रपति के पास एक याचिका भेजकर गुजारिश की कि उन्होंने कोई दया याचिका नहीं लगाई है। ऐसे में गृह मंत्रालय की ओर से भेजी गई दया याचिका उसे वापस की जाए। जेल प्रशासन की ओर से विनय की दया याचिका को राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
फांसी घर की सुरक्षा की जिम्मेदारी तमिलनाडु पुलिस को सौंपी
तिहाड़ जेल ने फांसी घर की सुरक्षा की जिम्मेदारी तमिलनाडु स्पेशल टीम को सौंप दी है। इसके आस पास कैदियों को वहां जाने की इजाजत नहीं है। साथ ही वहां जाने वाले जेल कर्मचारियों की पूरी तरह से जांच कर जाने दिया जा रहा है। जेल सूत्रों के अनुसार निर्भया के गुनहगार के अकेले घुमने पर उनकी निगरानी रखी जाएगी। हर दोषी के साथ तमिलनाडु पुलिस का एक जवान हर वक्त रहेगा। जेल अधिकारियों का कहना है कि यह सब जेल मैन्यूअल के मुताबिक की जा रही है।
डमी को फांसी पर लटकाने का अभ्यास होगा शुरू
ब्लैक वारंट जारी होते ही अब जेल के फांसी घर में फंदा पर लटकाने का अभ्यास जारी हो जाएगा। इसके तहत फांसी दिए जाने वाले दोषी के वजन के मुताबिक डमी को तैयार किया जाएगा और फिर उसे फांसी पर लटकाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसका मकसद फांसी दिए जाने वाली रस्सी की जांच करने के साथ साथ किसी भी तरह की गड़बड़ी को दूर करना है।