गंगा किनारे के शहर बनाए जाएंगे प्लास्टिक मुक्त 

0
585
ऋषिकेश, हरिद्वार और ऋषिकेश में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने और प्लास्टिक मुक्त बनाए जाने को लेकर अधिकारियों ने जर्मन से आए वैज्ञानिकों के साथ बैठक की। इसमें हरिद्वार ,ऋषिकेश ,नरेंद्र नगर, मुनि कि रेती के अधिकारियों के साथ को महाकुम्भ से पूर्व इन शहरों को प्लास्टिक मुक्त बनाए जाने पर विचार विमर्श किया गया।
नगर निगम ऋषिकेश के सभागार में ऋषिकेश नगर निगम के आयुक्त नरेंद्र सिंह क्विरियाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में नमामि गंगे परियोजना के दौरान गंगा रिजूविनेशन कार्यक्रम के तहत जीआईजेड द्वारा गंगा प्लास्टिक सिटी पार्टनरशिप योजना के अंतर्गत गंगा किनारे शहर स्थित हरिद्वार -ऋषिकेश में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के दौरान प्लास्टिक को कम करने पर मंथन हुआ।
इसमें जीआईजेड के अंतरराष्ट्रीय तथा भारतीय विशेषज्ञों के साथ एसपीएमजी के अधिकारियों ने केंद्र सरकार की पायलट योजना के अंतर्गत योजना बनाने को लेकर विस्तृत चर्चा की। इसके तहत संबंधित विभाग के अधिकारी सफाई व्यवस्था के साथ प्लास्टिक मुक्त बनाए जाने के लिए किस तरह से सफाई अभियान चलाएंगे, इसके बारे में बातचीत की गई। साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा प्लास्टिक अपशिष्ट को लेकर भी चर्चा हुई।
आगामी महाकुंभ के अतिरिक्त अन्य पर्वों पर आने वाली जनसंख्या द्वारा की जा रही नदियों में गंदगी को स्वच्छता की दृष्टि से भी चैलेंज के रूप में स्वीकार करते हुए योजनाएं बनाए जाने पर चर्चा हुई। इसमें अधिकारियों ने कहा कि सबसे पहले हमें होटलों से निकलने वाले अपशिष्ट पर ध्यान देना होगा जिसके लिए तीन प्रकार की केटेगरी बनानी चाहिए। इसमें बड़े होटल ,छोटे होटल और ढाबों को भी शामिल किया जाए।