गांव लौटने वाले हजारों लोगों के ऋषिकेश पहुंचने पर प्रशासन के हाथ-पांव फूले

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कोरोना
ऋषिकेश, उत्तराखंड सरकार ने पूरे राज्य को लॉकडाउन घोषित करने के बावजूद देश के विभिन्न प्रांतों से हजारों की संख्या में लोगों के रविवार रात ऋषिकेश पहुंचने पर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं। इन सभी को उत्तराखंड के विभिन्न गांवों में जाना था। जिला प्रशासन के आदेश के बाद सोमवार को स्थानीय प्रशासन ने सभी का परीक्षण कराने के बाद उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की।
रविवार को पूरे दिन जनता कर्फ्यू लगा रहा। इस दौरान बड़ी संख्या में देश के विभिन्न बड़े शहरों से लोग अपने गांव लौटने के वाले लोग चार धाम यात्रा बस संचालन केंद्र पहुंच गये। सोमवार की सुबह कोई साधन न मिलने पर इन लोगों ने नटराज चौक पर जाम लगाकर काफी हंगामा किया। तब जाकर प्रशासन की नींद खुली और तक सभी का जांच करवाने की व्यवस्था की। विभिन्न शहरों से आये सैकड़ों लोग होटल, आश्रम और लॉज में ठहरे थे। अब तक हजारों की संंख्या मे लोग यहां पहुंच चुके हैं। इतनी भीड़ को यहां देख कर पुलिस और प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। उपजिलाधिकारी प्रेम लाल तहसीलदार रेखा आर्य के साथ मौके पर पहुंचे और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोतवाली से पुलिस की टीम भी पहुंच गई। पुलिस सभी लोगों के नाम और पते दर्ज किया। तहसीलदार रेखा आर्य ने कहा कि इन सभी को बसों के जरिए पहले एम्स ले जाया जाएगा। यहां इनकी थर्मल स्कैनिंग और आवश्यक जांच कराने के बाद जिसे भी चिकित्सकों की क्लीन चिट मिलेगी, उसे गढ़वाल मंडल के विभिन्न क्षेत्रों के लिए बसों के माध्यम से भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन ने यात्रा बस अड्डे पर एकत्र लोगों की चिकित्सीय जांच को लेकर आ रही समस्या से जिलाधिकारी को अवगत कराया है।
अपर जिलाधिकारी रामजी शरण ने उप जिलाधिकारी ऋषिकेश को निर्देशित किया कि ऋषिकेश बस अड्डे में जमा गढ़वाल जाने वाले यात्रियों को एम्स न भेजा जाए। बल्कि एम्स की टीम यहीं पर आकर इनकी जांच करेगी। तब स्वास्थ्य विभाग की टीम आईएसबीटी पहुंची और सभी का परीक्षण करने के बाद ही उन्हें अपने गंतव्य भेजा गया। मौके पर उपस्थित उपजिलाधिकारी प्रेम लाल व तहसीलदार रेखा आर्य और अन्य स्टाफ रातभर यात्रियों के खाने पीने की व्यवस्था करने में लगीं रहीं।