लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड में आपराधिक घटनाओं का ग्राफ गिरा

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उत्तराखंड
(देहरादून)कोरोना से बचाव एवं रोकथाम के मद्देनजर जारी लॉक डाउन का राज्य में आपराधिक घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं पर काफी सकारात्मक असर पड़ा है। चूंकि अप्रैल महीने में पूरी तरह लॉक डाउन रहा, लिहाजा राज्य में जहां एक तरफ आपराधिक वारदात कम हुईं, वहीं सड़क दुर्घटनाएं भी पिछले साल की इस अवधि की तुलना में कम हुईं।
–  राज्य में लॉक डाउन का उल्लंघन करने पर अबतक कुल 14 हजार 643 लोग गिरफ्तार
उत्तराखंड पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि उपरोक्त दोनों ही तरह के मामलों में पहले के वर्षों के मुकाबले काफी गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल 2020 में जहां राज्य में कुल 522 आपराधिक वारदात दर्ज की गईं वहीं साल 2019 में इसी अवधि में 853 और साल 2018 के अप्रैल महीने में 960 घटनाएं दर्ज की गई थीं। अप्रैल, 2020 में लूट की 5, गृहभेदन 17, वाहन चोरी 7, चोरी 24, हत्या 8, दहेज हत्या 5, बलात्कार 2 और अपहरण की एक वारदात हुई जबकि भारतीय दंड विधान की अन्य धाराओं में 453 मामले दर्ज किए गए लेकिन ़डकैती, वाहन लूट, चेन स्नैचिंग, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या के लिए अपहरण और महिला व्यपहरण (एलोपमेंट) की कोई घटना नहीं हुई।
इसी तरह सड़क दुर्घटना के मामले में भी आंकड़ा काफी सुधरा है। चूंकि लॉक डाउन के दौरान सड़कों पर आवश्यक चीजों की आपूर्ति करने वाले वाहनों और पुलिस तथा प्रशासन के वाहनों के अलावा जन सामान्य के वाहनों को चलने की अनुमति नहीं थी। इसलिए लॉक डाउन के दौरान राज्य में बीते अप्रैल महीने में वाहन दुर्घटनाओं की 12 घटनाएं हुईं, जिनमें चार लोगों की मौत हुई और 17 लोग घायल हुए। जिलावार आंकड़ों पर नजर डालें तो टिहरी में दो, चमोली में एक, देहरादून में दो, हरिद्वार में दो, नैनीताल में एक, उधमसिंह नगर में दो, पिथौरागढ़ और चम्पावत में एक सड़क दुर्घटना हुई। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा और बागेश्वर में कोई सड़क दुर्घटना अप्रैल, 2020 में नहीं हुई। हालांकि इसी अवधि में साल 2019 में 107 और साल 2018 में में 126 दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें क्रमशः  74 और 63 लोगों की मौत हुई थी जबकि 86 और 156 लोग घायल हुए थे।
उधर, राज्य में लॉक डाउन का उल्लंघन करने के आरोप में अबतक कुल 2703 अभियोगों में 14 हजार 643 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही अभी तक एमवी एक्ट के अन्तर्गत कुल 33 हजार 707 वाहनों के चालान किए गए, 6203 वाहन सीज किए गए और 1.73 करोड़ रुपये संयोजन शुल्क वसूला गया। गुरुवार को एक दिन में प्रदेश में कुल 52 अभियोग पंजीकृत किये गये, जिसमें 533 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।