भारत ने शनिवार को पिथौरागढ़ में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सड़क मार्ग के उद्घाटन पर नेपाल की और से जताई गई आपत्ति पर कहा कि यह पूरी तरह से भारतीय सीमा में है। साथ ही भारत नेपाल के साथ सभी सीमा विवाद बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है।
उल्लेखनीय है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को चीन की सीमा से लगते हुए 80 किलोमीटर के सड़क मार्ग का उद्घाटन किया था। इस मार्क से चीन स्थित कैलाश मानसरोवर की यात्रा की जा सकती है।
नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में इस पर आपत्ति जताई गई थी। नेपाल का कहना था कि काली नदी के पूर्व में स्थित सारा क्षेत्र उसका है। इसमें लिपुलेख भी शामिल है, जिससे होकर भारत का सड़क मार्ग गुजरता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि हाल ही में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में उद्घाटन किया गया सड़क मार्ग पूरी तरह से भारतीय सीमा में है। इस मार्ग का इस्तेमाल कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए पहले भी किया जाता रहा है। वर्तमान में केवल इसे बेहतर करते हुए सड़क निर्माण किया गया है ताकि तीर्थ यात्रियों, व्यापारियों और स्थानीय लोगों को को आसानी हो।
श्रीवास्तव ने कहा कि भारत और नेपाल ने इस तरह के मुद्दों का समाधान करने के लिए पहले से ही एक प्रक्रिया बनाई हुई है। नेपाल के साथ सीमा निर्धारण का काम वर्तमान में चल रहा है। भारत नेपाल के साथ सभी सीमा संबंधी मुद्दों को राजनीतिक वार्ता और गरीबी घनिष्ठता व मित्रता के संबंधों को ध्यान में रखते हुए सुलझाना चाहता है।
दोनों देशों के बीच कोविड-19 महामारी से सफलता पूर्ण निपटने के बाद विदेश सचिव स्तर की वार्ता होगी।