गुरुवार को उत्तराखंड में सांस्कृतिक पर्व हरेला मनाया गया। इस मौके पर देहरादून में एक घंटे में लगभग 3 लाख 50 हजार पौधों का किया गया रोपण। मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून में उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक स्वर्गीय जीत सिंह नेगी जी की पुण्य स्मृति में पौधा लगा कर स्मृति वन का उद्घाटन किया। प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी से अनुरोध किया कि वे अपने दिवंगत परिजनों और मित्रों की याद में और किसी भी शुभअवसर पर एक पौधा जरूर लगाएं। उन्होंने कहा कि हमें न केवल पौधे लगाने हैं बल्कि इनकी उचित देखभाल भी सुनिश्चित करनी है।
मुख्यमंत्री ने धाद संस्था को उत्तराखण्ड से सम्बन्धित ऐसे लोगों की स्मृति में, स्मृति वन लगाने पर बधाई दी, जिन्होंने उत्तराखण्ड की आंचलिक संस्कृति, बोली भाषाओं के संरक्षण एवं इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इन वृक्षों को सुरक्षित रखना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने गाँव के प्रधान एवं क्षेत्रवासियों से इन पौधों के संरक्षण के लिए एक-एक, दो-दो पौधे गोद लेने का भी आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण का संकल्प लिया गया था। उसके बाद हरेला के पर्व के अवसर अल्मोड़ा जिले की कोसी नदी की घाटी में 1 घंटे में 1 लाख 67 हजार पौधे लगाए गए थे। अगले वर्ष उसी नदी के किनारे 2 लाख 67 हजार पौधे लगाए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हरेला के लिए हमने बहुत बड़ा लक्ष्य रखा था परन्तु कोरोना महामारी के कारण, सामाजिक दूरी बनाए रखने के कारण यह सम्भव नहीं हो पाया। फिर भी इस वर्ष देहरादून जिले में 2 लाख 75 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, इसमें आज लगभग 3 लाख 50 हजार पौधे लगाए गए हैं। इसमें 60 हजार से अधिक फलदार पौधे हैं। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून, उनकी टीम एवं वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक घर में नींबू, अमरूद और पपीता के पौधे अवश्य लगाने जाने चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।