उत्तराखंड के जनपद पिथौरागढ़ के कई गांवों में पिछले एक सप्ताह के दौरान बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिनसे व्यापक स्तर पर तबाही हुई। यह सबकुछ रात के अंधेरे में होने के कारण लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिल पाया, जिससे बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि हुई। हालांकि विपदा की इस घड़ी में एसडीआरएफ ने अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम दिया है। एक दिन तो 18 किमी. पैदल चलकर टीम के सदस्य आपदा प्रभावित इलाके में पहुंचे और रेस्क्यू कार्य शुरू किया।
– जनपद के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एक सप्ताह से जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन,
– बनाये लकड़ी के पुल, ग्रामीणों को पहुंचाया सुरक्षित स्थानों पर
दरअसल, एसडीआरएफ द्वारा पिथौरागढ़ में लगभग एक सफ्ताह से लगातार रेस्कयू कार्य जारी है। बादल फटने की लगातार हो रही घटनाओं के कारण भारी वर्षा से अनेक गावों में भूस्खलन की घटनाओं में एसडीआरएफ टीम रेस्क्यू कार्य मे लगी हुई है। पहले शेराघाट गेला, टांगा, धामी गांवों में और आज टीम द्वारा मोरी, ओर जारा जिबली में घरों में मलबा भर जाने पर टीम द्वारा रेस्कयू कार्य किया गया।
20 जुलाई को जनपद के टांगा में अनेक स्थानों में अतिवृष्टि एवं भूमि कटाव से जन हानि और पशु हानि की सूचना पर एसडीआरएफ टीम एसआई राजेश जोशी के हमराह तोला,टांगा को रवाना हुई, जहां पर 11 ग्रामीण लापता थे। टीम द्वारा रेस्कयू कार्य आरंभ किया गया। घटना की गम्भीरता को देखते हुए सेनानायक तृप्ति भट्ट द्वारा अस्कोट, कपकोट एवं सरियापानी से भी एसडीआरएफ टीमों को तत्काल रवाना किया गया। साथ ही एसडीआरएफ वाहिनी से डॉग स्क्वायड टीम को भी टांगा भेजा गया। आज (मंगलवार) तक टीम ने 10 शवों को बरामद कर लिया है। एक शव नहीं मिलने के कारण अभी सर्चिंग जारी है।
27 जुलाई को पिथौरागढ़ स्थित धामी गांव में लगातार हो रही भारी बारिश से एक मकान भूस्खलन की जद में आ गया। उसमें रह रहे दो ग्रामीण लापता हो गए। साथ ही लगभग 30 से 40 बकरियां और कुछ मवेशी भी मलबे में दब गए। यह सूचना मिलने पर टीम तत्काल ही धामी गांव को रवाना हुई और वहां पहुंच कर सर्चिंग कार्य आरंभ किया। सर्चिंग में एक शव बरामद कर लिया गया है और दूसरे शव की तलाश जारी है।
28 जुलाई को पिथौरागढ़ के मोरी गांव में अतिवृष्टि होने पर कुछ घरों में मलबा भर जाने एवं मार्गो तथा लोकल पुलिया के टूट जाने पर सहायता हेतु टीम एसडीआरएफ तत्काल पैदल मार्ग से गांव को रवाना हुई। अतिवृष्टि एवं भूस्खलन की आशंकाओं को देखते हुए टीम ने चार स्थानों में लकड़ी के पुल का निर्माण कर 75 ग्रामीणों को स्कूल आदि सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसके साथ ही 6 मवेशियों को भी पुलिया से ही पर करा कर सकुशल ले आये। 28 जुलाई को ही जारा जिबली में अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन में एक महिला के लापता होने पर आज टीम लगभग 18 किमी पैदल चल कर आपदा प्रभावित गांव मे पहुंची। टीम के सदस्यों ने सर्चिंग शुरू की लेकिन आज सफलता प्राप्त नही होने पर कल पुनः सर्चिंग की जाएगी।
एसडीआरएफ की सेनानायक तृप्ति भट्ट ने बताया कि फिलहाल पिथौरागढ़ में 4 स्थानों में सर्चिंग एवं राहत तथा बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। वहां एसडीआरएफ की 4 टीमें रेस्कयू कार्य कर रही है। उन टीमें के साथ ही डॉग स्क्वायड की मदद भी ली जा रही है।