चीन के साथ तानातनी के बीच उत्तरकाशी से लगी चीन सीमा पर भी भारतीय सेना ने चौकसी बढ़ा दी है। इसके लिए बॉर्डर पर अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती की जा रही है। सीमा पर अतिरिक्त 400 जवानों की आमद हो चुकी है। इन दिनाें सामरिक दृष्टि अति महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा भारतीय सेना का ट्रांजिट कैंप बना हुआ है।
उत्तरकाशी : सेना ने चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे को बनाया ट्रांजिट कैंप
जनपद उत्तरकाशी से चीन की करीब 117 किमी सीमा लगती है। यहां सीमा की सुरक्षा के लिए अग्रिम चौकियों पर भारतीय सेना के जवानों के साथ ही आईटीबीपी के हिमवीर पूरी मुस्तैदी के साथ निगरानी कर रहे हैं।
हालात सामान्य नहीं हुए तो सर्दियों भी अग्रिम चौकियों पर डटे रहेंगे जवान
तिब्बत के कठोर पठार से लगी हिमालय की दुर्गम रेंज के चलते इस ओर से बॉर्डर काफी हद तक सुरक्षित है। अभी तक इस हिस्से में चीन की ओर से कभी घुसपैठ की कोई घटना नहीं हुई है। इसके बावजूद भारतीय सेना पूरी सतर्कता बरत रही है। बीते एक सप्ताह में यहां सेना के करीब 400 जवानों की आमद हो चुकी है। देश की सुरक्षा से जुड़ा अति संवेदनशील मामला होने के कारण सेना एवं प्रशासन के अधिकारी इस बारे में जानकारी देने से बच रहे हैं।
लड़ाकू विमान बॉर्डर की कर रहे रेकी
बॉर्डर पर कुछ दिनों से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान अंबाला एवं बरेली से उड़ान भरकर रेकी कर रहे हैं। सड़क के रास्ते भी अतिरिक्त सुरक्षा बल बॉर्डर की ओर भेजे जा रहे हैं। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी इन दोनों सेनाओं का ट्रांजिट कैंप बना हुआ है। देश के अन्य हिस्सों से बख्तरबंद वाहनों में बड़ी संख्या में सेना के जवान यहां पहुंच रहे हैं। कुछेक दिन यहां ठहरने के बाद इन जवानों को हर्षिल एवं नेलांग क्षेत्र की अग्रिम चौकियों की ओर भेजा जा रहा है।