चारधाम यात्रियों को अब कोरोना जांच रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं

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चारधाम
उत्तराखंड में बाहरी प्रदेशों से आने वाले पर्यटकों के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के लैब से प्रमाणित कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता  समाप्त होने के बाद देवस्थानम् बोर्ड ने भी अब चारधाम यात्रा पर आने वाले लोगों के लिए भी कोरोना जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। अब चारधाम की यात्रा पर आने वाले दूसरे राज्यों के लोग बिना कोरोना रिपोर्ट के देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट पर ई-पास के लुए पहचान पत्र ( आईडी)  एवं निवास प्रमाण के आधार पर पंजीकरण करवा कर बेरोकटोक  आ सकते हैं।
इस दौरान कोरोना बचाव के मानकों का पालन करने की सलाह दी गई है। तीर्थयात्रियों के लिए मंदिरों में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी। सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाएगा। मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा तथा सेनेटाइजर का यथासंभव प्रयोग होगा। गढ़वाल आयुक्त व उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने जारी इस आदेश में कहा है कि बाहर के प्रदेशों से  चारधाम आनेवाले तीर्थयात्रियों के लिए कोरोना की आरटी पीसीआर, 72 घंटे पहले जांच की निगेटिव रिपोर्ट  तथा क्वारंटीन अवधि के मानक की अनिवार्यता अब समाप्त हो गई है। तीर्थयात्री देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट पर बिना कोरोना रिपोर्ट के ई-पास बनवा सकते है।
उन्होंने कहा है कि हेली सेवा से चारधाम यात्रा पर आनेवाले तीर्थयात्रियों के कोरोना जांच की जिम्मेदारी संबंधित हेली कंपनियों की होगी। हेलीपैड पर थर्मल स्क्रीनिंग आदि की पूर्ण व्यवस्था अनिवार्य होगी। चार धाम आनेवाले तीर्थ यात्रियों की संख्या पूर्ववत रहेगी। बदरीनाथ के लिए 1200, केदारनाथ के लिए आठ सौ, गंगोत्री के लिए छह सौ तथा यमनोत्री के लिए 450 यात्री प्रतिदिन दर्शन की अनमुमति रहेगी। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने कहा है कि इस आशय के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ.हरीश गौड़ ने बताया कि अभी तक देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट से 62 हजार लोग ई-पास बना चुके है तथा 35 हजार से अधिक तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं।