कांग्रेस नेता हरीश रावत इन दिनों चर्चाओं में है। कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में गये कांग्रेस नेताओं की घर वापसी को लेकर चल रही जुबानी जंग में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अब यह कह कर सबको सकते में डाल दिया है कि वे 2024 में राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उनके इस ऐलान से यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि पूर्व सीएम को वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव जीतने और दुबारा सीएम बनने की पूरी उम्मीद है।
हरीश रावत ने अपने बयान में कहा है कि त्रिवेंद्र सरकार के एक काबिल मंत्री’ ने जिन्हें मैं अपना साथी नहीं बना सका, उनकी सीख मुझे अच्छी लग रही है। रावत ने कहा कि मैं संन्यास लूंगा,अवश्य लूंगा मगर 2024 में देश में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही यह संभव हो पायेगा, तब तक मेरे शुभचिंतक मेरे संन्यास के लिये प्रतीक्षारत रहें।
इस संदर्भ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने सोमवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी। हरीश रावत का बयान केवल शिगूफा है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत सोशल मीडिया पर चर्चाओं में है। वह प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पर भी टिप्पणी करते रहते हैं। अब वह संन्यास वाले बयान से चर्चा में हैं।
रावत के इस ऐलान के बाद कांग्रेस की अंतर्कलह पूरी तरह से सामने आ गई है। हालांकि इसे उनकी महत्वाकांक्षा भी माना जा रहा है कि 2022 में उन्हें कांग्रेस सरकार आने और स्वयं के सीएम बनने की पूरी उम्मीद है। पूर्व में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने पूर्व सीएम को राजनीति से संन्यास लेने की सलाह दी थी, जिस पर सोमवार को हरीश रावत ने उनका नाम लिये बिना ही यह पलटवार किया है। वहीं हरीश रावत के इस ऐलान के बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि अपने इस ऐलान के साथ पूर्व सीएम हरीश रावत ने बड़ी उम्मीद लगाई है। कांग्रेस के जहाज में इतने छेद हो गये हैं कि समुद्र में डूब जाएगा।