डोली में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने के लिए मिलेंगे दो हजार रुपये

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डोली
डीएम सविन बंसल ने गत दिवस पहाड़ी विकासखंडों -धारी, रामगढ, ओखलकांडा, बेतालघाट व भीमताल के ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सड़क अथवा चिकित्सालय पहुंचाने के लिए डोली की व्यवस्था करने की बात कही थी। उन्होंने बुधवार को लगभग 500 डोलियों के लिए 10 लाख रुपये सीएमओ को अवमुक्त कर दिए। बताया गया है कि उत्तराखंड का नैनीताल पहला जनपद है, जहां किसी जिलाधिकारी द्वारा संस्थागत प्रसव तथा गर्भवती महिला एवं शिशु की सुरक्षा के लिए डोली व्यवस्था को कारगर बनाते हुए इतनी बड़ी धनराशि स्वीकृत की है। इसके लिए दो हजार रुपये मिलेंगे।
डीएम बंसल स्वयं भी कई बार सड़क रहित दूरस्थ गांवों में पैदल ही जाते हैं, इसलिए वह ऐसे क्षेत्रों में लोगों को खासकर बीमारी के दौरान अस्पताल पहुंचने में होने वाली असुविधा को समझते हैं। इसके कारण अनेक लोगों को उपचार न मिल पाने के कारण ही अपनी जान गंवानी पड़ती है। गौरतलब है कि डीएम बंसल पहले ही कह चुके हैं कि डोली की व्यवस्था ग्रामीणों को स्वयं करनी होगी। जारी की गई धनराशि डोली से अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं को प्रति डोली 2-2 हजार रुपए की धनराशि दी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि गर्भवती महिलाओं को त्वरित उपचार मिलने व सुरक्षित संस्थागत प्रसव से जच्चा-बच्चा मृत्यु दर घटेगी। ग्रामीण क्षेत्रों के एक किमी से अधिक पैदल सभी गांवों मे गर्भवती महिलाओं के लिए डोली सुविधा उपलब्ध होगी। जारी धनराशि मे से तात्कालिक व्यवस्था के लिए 75-75 हजार रुपये एमओआईसी के निर्वतन मे रखी गई है ताकि पर्वतीय क्षेत्रों की गभर्वती महिलाओं को डोली से लाने वाले लोगों को तुरंत डोली व्यवस्था की धनराशि का भुगतान दो हजार रुपये प्रति डोली बिना किसी विलम्ब के दिए जा सकें। गौरतलब है कि एनएचएम के तहत जनपद में केवल 60 डोलियों की व्यवस्था के लिए ही धनराशि स्वीकृत है।
प्रसव की संवेदनशीलता को दृष्टिगत जिलाधिकारी ने लगभग 500 डोलियों के लिए 10 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को त्वरित डोली व्यवस्था का भुगतान कराने की जिम्मेदारी सम्बन्धित चिकित्साधिकारी की होगी।
और भी दरकरारः सड़क विहीन ग्रामीण क्षेत्रों में केवल गर्भवती महिलाओं ही नहीं, अन्य बीमारों को भी डोली से सड़क तक लाना पड़ता है। उम्मीद की जा रही है कि गर्भवती महिलाओं के साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों की अन्य बीमार महिलाओं व अन्य लोगों, बुजुर्गों, बच्चों आदि हर जरूरतमंद को भी डोलियों से सड़क तक लाने के लिए इसी तरह की सुविधा का लाभ मिलेगा।