उत्तराखंड में कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारी पूरी कर ली गई है। राज्य में तीसरे चरण का ड्राई रन मंगलवार यानी 12 जनवरी को होगा, जबकि16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हो जायेगा। यह अभियान तीन चरणों में चलेगा। एक केंद्र पर एक सौ लाभार्थियों को टीका लगाया जाएगा। लगभग छह माह में तीन लाख फ्रंटलाइन वर्कर को निशुल्क टीका लगाया जाएगा।
सोमवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. उप्रेती ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियां भी कर ली गई है। वैक्सीनेशन स्थल पर जीवनरक्षक औषधियों और संसाधनों को उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि 16 जनवरी से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन के लिये 4,943 सरकारी एवं निजी इकाइयों को चिन्हित किया गया है, जिनमें 9,708 टीकाकरण सत्र आयोजित किये जाएंगे। इस दौरान 87,588 हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार टीकाकरण की निगरानी के लिए 402 पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया जाएगा और 102 अतिरिक्त पर्यवेक्षक वैक्सिनेशन का कार्य करेंगे। इस अभियान की सफलता के लिए 2118 महिला स्वास्थ्य कार्यकत्रियों को वैक्सिनेटर बनाया गया है। इसके साथ ही 6509 संभावित वैक्सीनेटर्स को चिन्हित किया गया है। समीपवर्ती प्राथमिक और स्वास्थ्य केंद्र को रैफरल यूनिट के तौर पर सुदृढ़ किया गया है।
उन्होंने बताया कि अभियान के पहले चरण में हेल्थ वर्कर, फ्रंट लाइन को वैक्सीन दी जाएगी। दूसरे चरण में 50 वर्ष से अधिक की आयु और बीमारी से ग्रसित और तीसरे चरण में अन्य शेष को। इस कार्य के लिए गठित सलाहकार ग्रुप पूरी बारीकी से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वैक्सिनेशन में तीन कमरों को चिन्हित किया गया है। प्रतिक्षा कक्ष, वैक्सीनेशन कक्ष और ऑब्जर्वेशन कक्ष बनाए गए है। प्रत्येक केंद्र पर 01 वैक्सिनेटर तथा 04 वैक्सिनेशन आफिसर तैयार रहेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के अंतर्गत 317 कोल्ड चेन बनाये गए हैं। साथ ही 482 आईस लाइन्ड रेफ्रिजेटर 547 डीप फ्रीजर, 03 वॉक इन कूलर और 02 वाक इन फ्रीजर की व्यस्था की गई है।
उधर, देहरादून जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में पहले चरण में 21,546 हेल्थ वर्कर हैं, जिन्हें वैक्सीन लगेगी। एक बूथ पर एक दिन में 100 लोगों को वैक्सीन लगेगी। एक दिन पहले इस बाबत मोबाइल पर एसएमएस जाएगा। इसके लिए 51 साइट्स पर 75 बूथ बनाए गए हैं। हर बूथ पर पांच लोगों का स्टाफ रहेगा। इंफेक्शन का खतरा है, इसलिए वैक्सीनेशन रूम के अंदर किसी को जाने की अनुमति नहीं होगी।