चारधाम यात्रा को 1 दिन शेष,तैयारियां जोरों पर

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चारधाम यात्रा प्रदेश के साथ ही देश और विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए बेहद अहम होती है। इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू होने में महज एक दिन का समय शेष है। तमाम विभाग यात्रा की सफलता के लिए दिन-रात जुटे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के आने की सूचना ने तैयारियों की स्पीड और बढ़ा दी है। हालांकि, चारधाम यात्रा नई सरकार के लिए एक चुनौती है, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का दावा है कि इस बार यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

राज्य में प्रचंड बहुमत से जीतने वाली नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद कुछ अच्छे बदलाव की उम्मीद भी की जा रही है।सभी अधिकारी भी इसके अनुसार ही तैयारियों में जुटे है। यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ इस साल की चारधाम यात्रा 28 अप्रैल से शुरू होगी। इसके बाद तीन मई को केदारनाथ और छह मई को बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे। केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन मई को, बदरीनाथ में राष्ट्रपति छह मई को दर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के दौरे के कारण चारधाम यात्रा को लेकर पूरी फौज दिन-रात तैयारियों में जुटा हुआ है। कोशिश है कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या कमी इस दौरान देखने को न मिले।

बीते अनुभवों पर गौर करें तो चारों धामों और चारधाम यात्रा मार्ग पर अव्यवस्थाएं यात्रा के दौरान आफत बनती रही हैं। खासतौर पर मानसून के दौरान भूस्खलन और मार्ग अवरुद्ध होने की समस्या यात्रियों और प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। हालांकि, सरकार का दावा है कि यात्रा मार्ग पर इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि इस बार केदारनाथ धाम में दो हजार अतिरिक्त यात्रियों के लिए व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही यात्रियों की भीड़ के कारण परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन की कोशिश होगी कि एक ही दिन में यात्रियों को दर्शन करा वापस भेजा जाए। इनके अलावा यात्रा मार्ग पर पेयजल, खानपान, ट्रैफिक जाम और बिजली जैसी परेशानियों से बचने के लिए ठोस रणनीति बनाई गई है। सरकार ने भी बीते अनुभवों के आधार पर ही यात्रा तैयारियों का खाका तैयार किया है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि यात्रियों के रजिसट्रेशन के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश में कुल 15 काउंटर लगाए गए हैं। इनके साथ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था भी की गई है। यात्रा मार्ग पर भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है। बिजली, संचार, पेयजल और सुरक्षा के लिए भी सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। यात्रियों की मदद के लिए टूरिस्ट पुलिस गाइड की भूमिका में मौजूद रहेगी।