हरिद्वार इन दिनों कुम्भ मेले के रंग में सराबोर है. शहर में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु हरिद्वार में डेरा डाले हुए हैं। कुम्भ मेला प्रशासन ने मेले में कोरोना से एहतियात के तमाम दावे किये थे, लेकिन वे सारे दावे धरे के धरे रह गए। हरिद्वार में एक आश्रम से 32 श्रद्धालु कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
कुम्भ मेले के आईजी, संजय गुंजयाल ने यह जानकारी देते हुए कहा, “मैं सभी आश्रमों के संचालकों से कहना चाहता हूं कि आप सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग जरूर कराएं. अगर किसी श्रद्धालु को सर्दी, बुखार जैसे लक्षण हैं तो वे तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें”
ऋषिकेश स्थित ताज होटल और हरिपुर कलां के गीता कुटीर आश्रम को कंटेन्मेंट जोन में शामिल कर सील कर दिया गया है। कुम्भ स्वास्थ्य मेलाधिकारी डॉ अर्जुन सिंह सेंगर का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए टेस्टिंग की संख्या बढ़ा दी गई है। 12 अप्रैल के शाही स्नान से पहले श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। जिन श्रद्धालुओं में बीमारी के संदिग्ध लक्षण हैं, उनकी स्क्रीनिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और उनका टेस्ट जरूर कराया जाएगा। वही उन्होंने कुम्भ मेला क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि कोरोना गाइडलाइंस का भी सख्ती से पालन कराने की बात कही है।
केंद्र सरकार ने क्या गाइडलाइन जारी किये थे
- कुम्भ मेले में आने वाले सभी भक्तों और संतों को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा
- स्नान के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोरोना टेस्ट करना होगा और कोरोना नेगेटिव मेडिकल सर्टिफिकेट भी लाना होगा
- महाकुम्भ में गर्भवती महिलाओं, 65 साल से अधिक उम्र के लोगों और 10 साल से काम उम्र के बच्चों के अलावा गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कुम्भ मेले में न आने को प्रेरित किया जाना चाहिए
- सोशल डिस्टन्सिंग, मास्क और सैनिटाइज़र के प्रयोग को सुनिश्चित करने पर बल दिया जाना चाहिए
- कुम्भ मेले में थूकना प्रतिबंधित होगा
- किसी भी प्रकार के प्रार्थना सभा के आयोजन को अनुमति नहीं होगी
- मेले में पर्याप्त संख्या में एम्बुलेन्स की व्यवस्था करनी होगी. साथ ही 1000 बीएड का अस्थाई अस्पताल भी बनाना होगा
- वैक्सीन लगाए गए स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही मेले में ड्यूटी पर लगाया जाना चाहिए