उत्तराखंड में आफत बनी बारिश, राज्य भर में परेशान लोग

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उत्तराखंड में फिर प्राकृतिक आपदा का कहर टूटा है। बरसात और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। उत्तरकाशी जिले में रविवार देर रात बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई। टिहरी जिले के मेड गांव में भी बादलों ने कहर बरपाया है। राहत और बचाव कार्य जारी है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने प्राकृतिक आपदा पर दुख जताते हुए जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है ।

उत्तरकाशी जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्र के कई गांवों में पानी भर गया है। बादल फटने से भागीरथी नदी समेत स्थानीय गाड़-गदेरे उफान पर हैं। बाढ़ जैसे हालात हैं। बादल फटने से गांव मांडो, निराकोट, पनवाड़ी और कंकराड़ी के घरों में पानी भर गया है। तीन लोगों की मौत हो गई है। एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम ने दो महिलाओं और एक बच्ची का शव बरामद किया। मृतकों की पहचान मांडो गांव की माधुरी देवी (42), रीतू (38) और कुमारी ईशू (6) के रूप में हुई है।

एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन टीम पहुंच चुकी है। मलबे में फंसे गणेश बहादुर पुत्र काली बहादुर, रविंद्र पुत्र गणेश बहादुर, रामबालक यादव पुत्र मकुर यादव को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया है। मांडो गांव के कई मकानों में मलबा घुस गया है। दो घर ध्वस्त हो गए हैं।

भटवाड़ी गांव के एसडीएम देवेंद्र नेगी के मुताबिक बादल फटने से गांव के गदेरे में उफान आ गया। उसका पानी और मलबा घरों पर कहर बनकर बरपा। कई जगह गाड़ियां भी बह गई हैं। उनकी तालश जारी है।

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टिहरी में बालगंगा तहसील के मेड गांव में भी बादलों ने सोमवार तड़के करीब 4ः00 बजे कहर बरपाया। बादल फटने से भवन, कृषि भूमि और मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए। बिजली के खंभे टूट जाने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। प्रशासन की टीम पहुंच चुकी है। राहत और बचाव कार्य जारी है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मलबे में पांच घर दब गए हैं। घर से जान बचाकर भागते समय भागवत सिंह राणा मलबे की चपेट में आकर जख्मी हो गए। बारिश से बूढ़ाकेदार -अन्यारका खाल मोटर मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। गोनगढ़ क्षेत्र में गोनगढ़ गधेरे में बाढ़ आने से सैकड़ों नाली कृषि भूमि बह गई है। बालगंगा के तहसीलदार आरएस रावत और राजस्व उप निरीक्षक गब्बर सिंह रावत टीम के साथ पहुंच चुके हैं।

मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे के दौरान देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और पौड़ी जिलों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। राज्य में भारी बारिश के चलते ज्यादातर नदियां उफान पर हैं। गंगा, यमुना, भागीरथी, अलकनंदा, मंदाकिनी, पिंडर, नंदाकिनी, टोंस, सरयू, गोरी, काली, रामगंगा आदि नदियां चेतावनी स्तर से नीचे बह रही हैं। केंद्रीय जल आयोग के केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष हिमालयन गंगा डिवीजन के मुताबिक गंगा का जलस्तर रविवार को 337.89 मीटर पहुंच गया है। गंगा खतरे के निशान 340.50 मीटर से थोड़ा नीचे ही बह रही है। यमुना नदी का जलस्तर 455 मीटर पर पहुंच गया है। यह खतरे के निशान से सिर्फ 34 सेंटीमीटर नीचे है।

लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ मार्ग सहित राज्य के 60 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। मौसम विज्ञान विभाग ने बारिश के लिहाज से अगले 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। शासन ने जिला अधिकारियों और आपदा विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना को दुखद बताते हुए ईश्वर से अन्य सभी लोगों के कुशल होने की कामना की है।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मांडो गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है। उधर,आपदा प्रभावित क्षेत्र के दौरा करने चिन्यालीसौड़ से उत्तरकाशी जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण धारासू में सड़क मार्ग बंद होने से कई घंटे फंसे रहे ।

देहरादून में घंटाघर, प्रिंस चौक, दर्शनलाल चौक, बुद्धा चौक, ऐश्ले हाल चौक समेत तमाम प्रमुख चौराहे तरणताल बन गए है। भूस्खलन से कुछ भवन आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त भी हुए हैं। हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में बरसाती नदियों का जलस्तर बढने से ग्रामीण दहशत में हैं।

देहरादून में बीते 24 घंटे में 10 वर्षाें में जुलाई के महीने में एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश 132 मिलीमीटर दर्ज की गई है। 2011 में एक दिन में 119 मिलीमीटर बारिश हुई थी। एसडीआरएफ की उप महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल का कहना है कि 28 टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और नैनीताल जनपदों में भारी बारिश को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी जिलों में भारी बारिश की संभावना है। 20, 21 और 22 जुलाई तक मौसम में बदलाव के आसार नहीं हैं।

इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिला अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दैवीय आपदा की स्थिति में क्विक रेस्पांस सुनिश्चित करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी से फोन पर बात कर घटना की जानकारी ली है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का भी आकस्मिक निरीक्षण किया है।

उत्तरकाशी जिले में बारिश की वजह से कई गांवों में तबाही हुई है। गंगोत्री और यमुनोत्री हाइवे बंद हो गया है। हाइवे के बंद होने से उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष सहित परीक्षा देने जा रहे दर्जनों छात्र धरासू में फंस गए। डाबर कोट में भारी भूस्खलन हुआ है। इस वजह से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है। इससे कई दर्जन गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। गंगोत्री हाइवे भी धरासू और उसके आगे बंद हो गया है।

हल्द्वानी में भी बारिश से जनजीवन बाधित हुआ है। काठगोदाम-भीमताल मार्ग पर रानीबाग में पुल की दीवार गिर गई है। इस वजह से भीमताल, भवाली और अल्मोड़ा जाने वाले वाहनों को ज्योलीकोट मार्ग से भेजा है।हरिद्वार में लक्सर के खानपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव दल्लावाला में बारिश के कारण चिननी राम का मकान ढह गया। घर के मलबे में दबने से चिननी राम का चचेरा भाई नरेश सैनी घायल हो गया है।