‘नेगी दा’ का सम्मान या फिर से सियासी अरमान

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    नेगी दा

    40 साल से ज्यादा समय से अपने गीतों से लोगों के दिलों पर राज कर रहे नरेंद्र सिंह नेगी ‘नेगी दा’ को लेकर एक चर्चा जोरों पर है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या सचमुच इस बार ‘नेगी दा’ को पद्म पुरस्कार मिल जाएगा। राज्य सरकार ने पहली बार नरेंद्र सिंह नेगी का नाम पद्म पुरस्कार के लिए केंद्र सरकार को भेजने का ऐलान किया है। कुछ महीनों बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव से इस बात को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि ‘नेगी दा’ के प्रशंसकों की लंबी चौड़ी फौज पर डोरे डालने की मंशा से यह ऐलान किया गया है। हालांकि, सरकार का कहना है कि ‘नेगी दा’ के संस्कृति संवर्धन में बहुमूल्य योगदान को देखते हुए यह ऐलान किया गया है।

    दरअसल, राज्य बनने से पहले से भी उत्तराखंड का कोई नाम पद्म पुरस्कार के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जा रहा था, वह ‘नेगी दा’ का ही नाम था। मगर व्यवस्था विरोधी अपने गीतों के चलते ‘नेगी दा’ सरकारों की पसंद नहीं रहे हैं। एनडी तिवारी सरकार के जमाने में तो सरकार से उनकी सीधे-सीधे ठन गई थी। इसी दौरान ‘नेगी दा’ ने सरकारी नौकरी से वीआरएस लेकर नौछमी नारेण गाना बनाकर सीधे सरकार के मुखिया पर हमला बोल दिया था। ‘नेगी दा’ ने रमेश पोखरियाल सरकार के दौरान भी कदगा जी खैल्या गीत बनाकर सुर्खियां बटोरी थी। यह गीत भी सीधे-सीधे तौर पर सरकार विरोधी था। ‘नेगी दा’ के सरकार विरोधी रुख का यह नतीजा रहा कि उनसे काफी जूनियर कलाकारों के नाम की पद्म पुरस्कारों के लिए सरकार ने सिफारिश की और ‘नेगी दा’ को नजरअंदाज कर दिया।

    पद्म पुरस्कारों के लिए हाल के कुछ वर्षों में यह व्यवस्था भी कर दी गई है कि सरकार के साथ ही आम आदमी या फिर गैर-सरकारी संस्थाओं के स्तर पर भी किसी का नाम पद्म पुरस्कार के लिए भेजा जा सकता है। ‘नेगी दा’ के 72वें जन्मदिन के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘नेगी दा’ के नाम की सिफारिश पद्म पुरस्कार के लिए करने की घोषणा की है। इससे उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर है। हालांकि इस ऐलान के सियासी मायने भी टटोले जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के ऐलान से ‘नेगी दा’ के प्रशंसकों के दिल जीतने की कोशिश की गई है।

    वैसे, भाजपा राज में ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नरेंद्र सिंह नेगी की उस वक्त काफी मदद की थी, जबकि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। प्रतिष्ठित प्राइवेट हाॅस्पिटल में ‘नेगी दा’ के इलाज का पूरा खर्च सरकार ने उठाया था। इससे पहले, हरीश रावत नेे मुख्यमंत्री रहते हुए ‘नेगी दा’ को खास तवज्जो दी थी। राज्य का राज्य गीत के लिए हरीश रावत सरकार ने ‘नेगी दा’ को ही चुना था। यह राज्य गीत ‘नेगी दा’ की आवाज में है, जिसे संगीतबद्ध भी उन्होंने खुद ही किया है। पद्म पुरस्कार पर नए सिरे से छिड़ी बहस के बीच ‘नेगी दा’ का कहना है कि प्रशंसकों का प्यार उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है। ‘नेगी दा’ का कहना है कि आपने अपने लिए जो धारा तय की है, यदि आप उस के साथ बिना समझौता किए चलते जाओगे, तो समाज आपको मान्यता देगा। मैंने अपने गीतों में स्तरीयता को बनाए रखने की कोशिश की है और बदले में लोगों का भरपूर प्यार मिला है।