नैनीताल के सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाले सात, नंबर, स्नो व्यू , बिड़ला और अयारपाटा आदि क्षेत्रों के लोग पिछले छह दिनों से सड़क मार्ग से शेष दुनिया से कटे हुए हैं। यहां बिड़ला की ओर का मार्ग तो 18 अक्टूबर को शहर में आई जल प्रलय के बाद से ही यानी करीब तीन माह से बंद है।
यहां के लोग ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का भी ऐलान कर चुके हैं, जबकि दूसरी ओर यानी तल्लीताल की ओर से आने वाली बिड़ला रोड भी भोटिया बैंड के पास पेड़ गिरने से बंद है। अफसोसजनक व शर्मनाक बात यह भी है कि यहां सड़क पर गिरे पेड़ तो काट दिए गए हैं, लेकिन मलबा नहीं हटाया गया है, जो कि बहुत थोड़ा कार्य है, फिर भी जिला व मंडल मुख्यालय होते प्रशासनिक नाकारापन के कारण यहां मार्ग को खोलने का कोई प्रयास ही नहीं किया गया है, जबकि यह कुछ ही घंटों में खोला जा सकता है।
क्षेत्रीय निवासी भुवन भट्ट ने बताया कि थोड़े से मलबे के कारण छह दिन से क्षेत्रवासियों के वाहन जहां के तहां फंसे हुए हैं। चंदन जोशी ने बताया कि क्षेत्र में दूध तक नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने बमुश्किल पोस्ट ऑफिस वाला मार्ग पैदल चलने के लिए खोला है। प्रशासनिक नाकारापन का इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता। इसी तरह अयारपाटा क्षेत्र के सभासद मनोज साह जगाती ने बताया कि उनके क्षेत्र में अभी भी सड़कों व पैदल रास्तों से बर्फ नहीं हटाई गई है, इस कारण यहां लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।