उत्तराखंड : विस चुनाव को बनाए गए 150 आदर्श तो 100 सखी मतदान केंद्र

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आयोग

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर इस बार उत्तराखंड में 150 आदर्श पोलिंग बूथ और 100 सखी पोलिंग बूथ बनाए गये हैं। लैंगिक समानता और महिलाओं की निर्वाचन में भागीदारी निर्धारित करवाने के उद्देश्य से सखी पोलिंग बूथ पर चुनाव के दौरान समस्त मतदान स्टाफ, पुलिस व सुरक्षाकर्मी महिला ही तैनात किये गये हैं। पर्दानशीं (बुर्काधारी) महिलाओं के लिये विशेष व्यवस्था की गयी है। इनकी शिनाख्त और उंगली में अमिट स्याही का प्रयोग मतदान अधिकारी द्वारा उनकी सामाजिक भावना, गोपनीयता और शिष्टता को ध्यान में रखकर किया जायेगा।

गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष तौर पर आराम कक्ष बनाया गया है। इस बात का भी यहां ध्यान रखा जाएगा कि उन्हें लाइन में न खड़ा होना पड़े। राज्य में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक सखी पोलिंग बूथ स्थापित किया गये हैं। इसके अतिरिक्त 30 और सखी पोलिंग बूथ स्थापित किये गये हैं। इनमें उत्तरकाशी जिले में 03, चमोली 03, रुद्रप्रयाग 02, टिहरी 06, देहरादून 18, हरिद्वार 19, पौड़ी गढ़वाल 06, पिथौरागढ़ 04, बागेश्वर 02, अल्मोड़ा 06, चम्पावत 02, नैनीताल 12 और ऊधमसिंह नगर जिले में 17 सखी पोलिंग बूथ बनाए गये हैं।

राज्य में 150 आदर्श पोलिंग बूथ स्थापित किये गये हैं। इनमें उत्तरकाशी जिले में 06, चमोली 06, रुद्रप्रयाग 05, टिहरी 10, देहरादून 23, हरिद्वार 24, पौड़ी गढ़वाल 10, पिथौरागढ़ 08, बागेश्वर 05, अल्मोड़ा 10, चम्पावत 05, नैनीताल 17 और ऊधमसिंह नगर जिले में 21 आदर्श पोलिंग बूथ स्थापित किये गये हैं। आदर्श पोलिंग बूथ तीन मानकों के अनुरूप स्थापित किये गये हैं। भवन एवं सुविधाओं की भौतिक संरचना, पंक्ति प्रबंधन में सुधार और मतदान कर्मियों और स्वयं सेवकों का उचित व्यवहार।

आयोग ने इस सब की जानकारी देते हुए बताया कि आदर्श पोलिंग बूथ में भवन एवं सुविधाओं की भौतिक संरचना के तहत सुनिश्चित किया गया है कि भवन अच्छी दशा में साफ-सुथरी दीवारों की पुताई के साथ निर्वाचन सम्बन्धी संदेश के रूप में वॉल पेंटिंग की गई हो। मतदाता कर्मियों और पोलिंग एजेंट्स के लिये गुणवत्तायुक्त फर्नीचर की व्यवस्था की गई है। पोलिंग बूथ के बाहर डिस्प्ले बोर्ड लगाए हैं, जिन पर पोलिंग स्टेशन का नाम, निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन कार्यालय उत्तराखंड का लोगो (उत्तराखंड चुनाव कौथिग) मतदाता शपथ तथा प्रवेश व निकास का स्पष्ट उल्लेख है।

न्यूनतम सुविधाएं जैसे बिजली (पेट्रोमैक्स का अतिरिक्त प्रबन्ध), महिला-पुरुष के लिये अलग-अलग शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था, प्रतीक्षालय, रैम्प और व्हील चेयर दिव्यांगजनों के लिये सुनिश्चित की गई है। बीएलओ मतदाता सूची के साथ निर्धारित स्थान पर उपलब्ध रहेंगे। यथासंभव मतदाताओं का स्वागत पुष्पगुच्छ या एक-एक फूल से, जैसी भी सुविधा होगी, किया जाएगा। सुविधानुसार रेड कार्पेट की व्यवस्था भी होगी।

आयोग ने बताया कि पंक्ति प्रबंधन में सुधार के अंतर्गत पंक्तियों के लिए रस्सियों का प्रयोग होगा। पंक्तियों में खड़े वोटर्स के लिये स्वयं सेवक, टोकन वितरण और पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। नेत्रहीन-दुर्बल-बुजुर्ग एवं गर्भवती तथा धात्री माताओं (स्तनपान कराने वाली) को मतदान के लिए प्राथमिकता दी जायेगी। पंक्ति लम्बी होने पर बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं के लिए प्रतीक्षालय में बैठने की उचित व्यवस्था की गई है।

मतदान कर्मियों और स्वयंसेवकों का उचित व्यवहार सुनिश्चित किया गया है। मतदान कर्मियों की यथासम्भव एक जैसी पोशाक होगी। वोटर्स के लिये क्या करें और क्या नहीं तय होंगे? वोटर्स से फीडबैक फॉर्म भरवाया जायेगा।