विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा को भले ही बहुमत मिला हो, लेकिन बीजेपी के गढ़ में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी भुवन चंद्र कापड़ी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को हरकार चुनाव जीत लिया है। राजनैतिक सूत्रों की बात मानें तो किसान आंदोलन सीएम धामी की हार की मुख्य वजह हो सकती है। लालकुआं सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत हार गए हैं। भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने उन्हें 14 हजार वोटों से हराया है। वहीं, उनकी बेटी अनुपमा ने हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट जीत दर्ज की।
इसी के साथ ही, जातीय समीकरण की वजह से भी सीएम धामी को हार का मुंह देखना पड़ा। उत्तराखंड के तराई में किसान आंदोलन का व्यापक असर देखने को मिला। रुद्रपुर, काशीपुर, खटीमा आदि क्षेत्रों से भारी संख्या में आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसपर पर भी किसान सरकार से काफी खफा नजर आ रहे थे।
दूसरी ओर, जातीय समीकराणों को नहीं साध पाना भी सीएम धामी की हार की मुख्य वजह हो सकती है। खटीमा में पर्वतीय मतदता के अलावा थारू मतदाताओं की भारी संख्या है। थारू मतदाता 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव से अपने ही वर्ग के नेता रमेश राणा के पक्ष में जाता रहा है, लेकिन 2022 के चुनाव में यह वोट कांग्रेस के पक्ष में चला गया और आखिरकार सीएम धामी की हार हुई।