हाई कोर्ट ने विधायक मदन कौशिक को नोटिस जारी कर मांगा चार सप्ताह के भीतर जवाब

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मदन कौशिक

हाई कोर्ट ने हरिद्वार में पुस्तकालय घोटाला मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने याचिका में पक्षकार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व हरिद्वार शहर विधायक मदन कौशिक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।

अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह के बाद की तिथि नियत की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अभी तक पुस्तकालयों का संचालन नहीं हुआ है, जबकि सरकार की तरफ से कहा गया कि पुस्तकालयों का संचालन 2019 में ही हो गया था।

बुधवार को नैनीताल हाई कोर्ट में देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा है कि 2010 में तत्कालीन विधायक मदन कौशिक की विधायक निधि से करीब डेढ़ करोड़ की लागत से 16 पुस्तकालय बनाने के लिए धनराशि आवंटित की गई। पुस्तकालय बनाने के लिए भूमि पूजन से लेकर उद्घाटन तक की फाइनल पेमेंट कर दी गई।

लेकिन आज तक धरातल पर किसी भी पुस्तकालय का निर्माण नहीं किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि विधायक निधि के नाम पर विधायक ने तत्कालीन जिला अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी समेत ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ मिलकर बड़ा घोटाला किया है ।

याचिकाकर्ता के अनुसार पुस्तकालय निर्माण का जिम्मा ग्रामीण अभियंत्रण सर्विसेस को दिया गया और विभाग के अधिशासी अभियंता के फाइनल निरीक्षण और सीडीओ की संस्तुति के बाद काम की फाइनल पेमेंट की गई। जिससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला हुआ है, लिहाजा पुस्तकालय के नाम पर हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच करवाई जाए।