छात्र की मौत के मामले में प्रधानाचार्य, सिस्टर व हाउस मास्टर को 2-2 वर्ष की कैद की सजा, जमानत पर रिहा

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वर्ष 2014 में नेपाल के निवासी नगर के एक प्रतिष्ठित विद्यालय के एक छात्र शान प्रजापति की मौत के मामले में जनपद के सीजेएम यानी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने विद्यालय के प्रधानाचार्य, सिस्टर और वार्डन को 2-2 वर्ष की कैद एवं 50-50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुना दी है। अलबत्ता, तीनों आरोपितों को जेल नहीं जाना पड़ा है। उन्हें तत्काल अंतरिम जमानत मिलने के बाद छोड़ दिया गया हैं

उल्लेखनीय है कि नगर के शेरवुड कॉलेज के कक्षा नौ के छात्र शान प्रजापति को 12 नवंबर को स्वास्थ्य अधिक खराब होने पर विद्यालय प्रशासन ने पहले मुख्यालय स्थित बीडी पांडे जिला चिकित्सालय एवं यहां स्थिति गंभीर पाए जाने पर पहले हल्द्वानी के निजी चिकित्सालय व वहां से भी आगे ले जाने की सलाह पर तत्काल ही दिल्ली ले जाया जा रहा था। लेकिन दिल्ली ले जाते समय उसकी रास्ते में ही मृत्यु हो गई थी। इस मामले में छात्र की मां नीना श्रेष्ठ ने विद्यालय के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू, सिस्टर पायल पॉल व हाउस मास्टर रवि कुमार पर उपचार कराने में देरी एवं लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रमेश सिंह की अदालत ने तीनों आरोपितों को भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए के तहत लापरवाही का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।

इस मामले में एपीओ देवेंद्र कुमार मुनगली, हरीश चंद्र पांडे एवं शंकर सिंह चौहान ने पैरवी करते हुए बताया कि शान की तबीयत आठ नवंबर से ही खराब थी, लेकिन उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से बताया गया है कि इस मामले में सेशन न्यायालय में अपील की जाएगी।