प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के लिए रेल परियोजना का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। शुक्रवार को इस मार्ग पर बन रही शिवपुरी और गुलर के बीच सुरंग आर-पार करने का कार्य पूरा होने पर टनल ब्रेकथ्रू समारोह आयोजित हुआ। इसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे।
शुक्रवार को रेल विकास निगम के कर्मचारियों और इंजीनियरों की टीमों ने दो सुरंगों का मिलान किया पूरा कर लिया गया। रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओपी मालगुडी ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम 20 अक्टूबर 2020 को शुरू किया गया था और 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके अंतर्गत शिवपुरी से करीब 1.8 किमी दूर गुलर की ओर सुरंग को आर-पार जोड़ा गया है। यह सुरंग एन एटीएम तकनीकी से बनाई गई है। इसके निर्माण कार्य में पांच सौ मजदूर दिन-रात काम में लगे रहे। मालगुडी ने कहा कि इससे पहले शिवपुरी और व्यासी के बीच 26 दिन में 1.12 किभी की सुरंग का काम पूरा कर उसे आर-पार बना दिया गया है। मालगुडी ने बताया कि रेल विकास निगम ने सुरंग संख्या दो शिवपुरी से गुलर तक बनाई गई है। इसकी लम्बाई कुल 6 किलोमीटर है। जिस स्थान पर दोनों सुरंगों का मिलान किया गया है, वह स्थान शिवपुरी का मुख्य बाजार से 1.8 किलोमीटर दूर है। इस सुरंग की ऊंचाई 60 मीटर और चौड़ाई चार मीटर है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत रेल विकास निगम श्रीनगर और कर्णप्रयाग में रेलवे स्टेशन के साथ माल गोदाम भी बनाएगा। उनका कहना था कि इस परियोजना के अंतर्गत सबसे लंबी सुरंग देवप्रयाग से ज्ञानसू के बीच बनाई जायेगी, जिसकी लंबाई 14.70 किलोमीटर होगी। यह कि देश में बनाई गई अन्य सुरंगों की अपेक्षा सबसे लंबी सुरंग होगी। इसका निर्माण टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) से किया जाएगा। इसके लिए रेल विकास निगम ने जर्मनी से दो मशीनों को मंगवाया है ।