गौलापार में प्रस्तावित आइएसबीटी पिछले पांच साल तीन महीने से अधर में लटका हुआ है। पुरानी जगह काम बंद तो कर दिया गया था, लेकिन दूसरी जगह जमीन मिलने का मामला सालों बाद भी फाइनल नहीं हो सका।
काठगोदाम में हिल डिपो की डीपीआर तैयार करवाई जा रही है। हल्द्वानी से पहाड़ जाने वाली रोडवेज की सभी बसों का संचालन यहीं से होगा। दावा किया गया कि हिल डिपो बनने से केमू और टैक्सियों के जरिये पहाड़ से मैदान को जाने वाली सवारियां भी सीधा रोडवेज को मिलेंगी। यात्रियों की सुविधा के लिए काठगोदाम में कई व्यवस्थाएं भी की जाएंगी। नैनीताल रीजन का सबसे बड़ा डिपो काठगोदाम है। जिसके पास हाईटेक वोल्वो और एसी बसें भी है। काठगोदाम में रोडवेज के पास काफी मात्रा में जमीन भी है।
ऐसे में मुख्यालय यहां हिल डिपो बनाने की कवायद में जुटा है। अधिकारियों के मुताबिक मैदानी रूट के सभी मार्गों में यहां से गाडियां मिलेंगी। इसके अलावा पहाड़ पर रोडवेज सेवा की शुरुआत सिर्फ यही से होगी। यानी हल्द्वानी डिपो से पर्वतीय रूट की बसें नहीं चलेगी। दिल्ली समेत अन्य मैदानी मार्गों की गाड़ियां सीधा काठगोदाम को आएंगी। सवारी यहां से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत आदि जगहों के लिए रवाना हो सकेंगी। यात्रियों की सुविधा के लिए विश्राम गृह, कैंटीन, शौचालय आदि का निर्माण भी करवाया जाएगा। जीएम रोडवेज दीपक जैन ने बताया कि काठगोदाम में हिल डिपो को लेकर योजना है। डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जल्द रिपोर्ट मुख्यालय को मिल जाएगी।