उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला स्थित द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी ग्लेशियर पर हुए हिमस्खलन में जहां एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल सहित चार लोगों की मौत हुई है वहीं अब तक 14 घायल पर्वतारोहियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इस हादसे में 29 पर्वतारोही और प्रशिक्षु फंस गए थे।
आज सुबह दोबारा से शुरू हुए राहत-बचाव कार्य में छह और पर्वतारोहियों को घटनास्थल से बेस कैंप लाया गया। मंगलवार को 8 लोगों को बचाया गया था जबकि चार के शव बरामद हुए थे। इन्हीं में से एक सविता कंसवाल थीं। अभी कई पर्वतारोही-प्रशिक्षु वहां पर फंसे हुए हैं। तीन अन्य मृत पर्वतारोहियों की अभी पहचान नहीं हुई है। इन घायल छह पर्वतारोहियों को मातली हेलीपैड पहुंचाया गया जहां से एसडीआरएफ टीम ने उन्हें मातली आईटीबीपी अस्पताल भर्ती कराया है।
सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की एक कुशल प्रशिक्षक थीं। उन्होंने इसी साल 12 मई को सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर तिरंगा फहराया था। इसके 15 दिन बाद सविता ने माउंट मकालू (8463 मीटर) पर भी सफल आरोहण किया था। उनकी सफलता से उसके क्षेत्र और जनपद भर में खुशी की लहर थी। मंगलवार देर शाम सविता की मौत की खबर आने के बाद उसके गांव, जनपद और प्रदेश में शोक ही लहर नहीं अपितु देश के लोग गमगीन हैं।
ग्लेशियर की चपेट में आये प्रशिक्षणार्थियों में से आज रेस्क्यू किये गए व्यक्तियों का विवरण-
1. दीप सिंह पुत्र श्री कन्हैया लाल, गुजरात।
2. रोहित भट्ट पुत्र श्री जगदम्बा प्रसाद, टिहरी गढ़वाल।
3. सूरज सिंह, उत्तरकाशी।
4. सुनील लालवानी पुत्र बालचंद, मुम्बई।
5. आकाश पुत्र मुन्नालाल, मुम्बई।
6. अनिल कुमार(नायब सूबेदार, निम) पुत्र विद्याधर सिंह, राजस्थान।
7. मनीष अग्रवाल, दिल्ली।
8. कंचन सिंह, चमोली।
9. अंकित सिंह, देहरादून।
10. प्रदीप कुमार, पश्चिम बंगाल।
11. अंकुर शर्मा, देहरादून।
12. राकेश राणा, उत्तरकाशी। (प्रशिक्षक)
13. बबीता, उत्तरकाशी। (प्रशिक्षक)
14. रेखा, उत्तरकाशी। (प्रशिक्षक)
गौरतलब है कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) का डोकरानी नामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था, जिसमें बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे। जबकि एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व नौ प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शामिल थे।