शीतलहर से बचाने को प्रत्येक जनपद को 10 लाख रुपये का अतिरिक्त बजट

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उत्तराखंड

बढ़ती शीतलहर से निपटने के लिए प्रत्येक जनपद को 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है ताकि जरूरतमंदों के बचाव के लिए धन की कमी आड़े न आए। इसके निर्देश सचिव आपदा प्रबन्धन ने गुरुवार को सचिवालय में राज्य के सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं।

सचिव आपदा प्रबन्धन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने राज्य के समस्त जिलाधिकारियों तथा एसडीआरएफ, वन विभाग, खाद्य आपूर्ति, चिकित्सा, मौसम विभाग, जल संस्थान, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग तथा यूपीसीएल के अधिकारियों के साथ प्रदेश में शीतलहर से आमजन एवं पशुओं के बचाव हेतु तैयारियों की समीक्षा की।

उन्होंने जिलाधिकारियों को सभी तहसीलों में अस्थायी रैनबसेरों की व्यवस्था सुनिश्चित करने, रैन बसेरों में समस्त मूलभूत सुविधाएं बिजली, पेयजल, शौचालय, बिस्तर तथा हीटर की व्यवस्था करने, जिलों में पर्याप्त मात्रा में अलाव जलाने की व्यवस्था, कंबल वितरण, दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में राशन आपूर्ति, दवाईयों, पशुओं के चारे, चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

सचिव आपदा प्रबन्धन ने वन निगम को अलाव जलाने हेतु पर्याप्त मात्रा में लकड़ी की आपूर्ति के भी निर्देश दिए। उन्होंने पीडब्ल्यूडी को बर्फबारी के कारण बन्द होने वाली सड़कों पर पहले से ही आवश्यक उपकरण तथा कार्मिक तैनात करने को कहा। इसके लिए जेसीबी तथा स्नो कटिंग मशीनों व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही लोक निर्माण तथा परिवहन विभाग को सख्त निर्देश दिए गए है कि राज्य में पाले तथा कोहरे के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना नही होनी चाहिए। इसके लिए पाले को हटाने के लिए नमक एवं चूने का नियमित छिड़काव और कोहरे से बचाव हेतु फॉग लाइट व रिफलेक्टर की व्यवस्था की जाए।

उन्होंने सभी जिलाधिकारियों एवं उप जिलाधिकारियों को जनपदों में शीतलहर से बचाव की व्यवस्थाओं के निरीक्षण हेतु नियमित रात्रि गश्त के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य में भारी बर्फबारी वाली ट्रैक रूट बन्द करवाने के भी निर्देश दिए। सचिव आपदा प्रबन्धन ने यूपीसीएल को शीतलहर एवं बर्फबारी के दौरान दूरस्थ क्षेत्रों में बिजली की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु पर्याप्त मात्रा में स्पेयर पार्टस, डिसेन्ट्रलाइज इन्वेन्टरी और कुशल कार्मिक की तैनाती के निर्देश दिए।