उत्तराखंड में सोमवार को चार धाम सहित ऊंचाई वाले स्थानों पर हुई बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश से तापमान में गिरावट से ठिठुरन बढ़ गई है। नीति घाटी के मलारी में हिमखंड टूटने से लोग दहशत में आ गए लेकिन कोई नुकसान की खबर नहीं है। मौसम के बदले तेवर से जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। मौसम विभाग की ओर से आरेंज चेतावनी के बाद राज्य के शासन-प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। एक फरवरी से मौसम के शुष्क और सामान्य रहने की बात कही गयी है।
आज देहरादून सहित प्रदेश भर में पिछले 12 घंटे से बारिश और बर्फबारी एक बार फिर ठंड बढ़ गई। रविवार रात से ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फ गिरने के साथ मैदानी इलाकों में रुक-रुक शुरू हुई बारिश का क्रम सोमवार को भी जारी रहा। मलारी नाले में ग्लेशियर टूटने से चारों ओर बर्फ का गुबार देख गया। इससे वहां पर कुछ समय के लिए अफरातफरी मच गई। हालांकि राहत भरी खबर यह है कि अभी तक जानमाल का कोई नुकसान नहीं है।
चार धाम की चोटियों, हर्षिल, हेमकुंड साहिब, गोरसों, नेलांगघाटी, धनोल्टी आदि क्षेत्र में रविवार रात्रि से ही हल्का हिमपात शुरू हो गया था। देर रात दो बजे बाद बर्फबारी तेज हो गई जो सोमवार सुबह तक जारी रही। चकराता में भी बर्फबारी हुई है। वहीं नागटिब्बा में भी हिमपात हुआ है। औली में सोमवार को हुई बर्फबरी से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से गुलजार होने लगी है।
बदरीनाथ, केदानाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री में एक से तीन फिट बर्फ गिरी चुकी है। मैदानी इलाके देहरादून, रुड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश के अलावा पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली एवं रुद्रप्रयाग के निचले इलाकों में वर्षा होने से न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज की गई। मलारी में हिमस्खलन की सूचना पर बीआरओ टीम भी पहुंच कर मुआयना किया। बताया जा रहा है कि सुबह सात बजे यह हिमस्लखन हुआ है। हिमस्खलन जोशीमठ से करीब 61 किलोमीटर आगे था और इसका आकार छोटा था। एसडीआरएफ सहित पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है।
गंगोत्री-यमुनोत्री,बर्फबारी-
यमुनोत्री धाम सहित आसपास के इलाकों में कड़ाके की सर्दी के कारण नदी,नालों और झरने का पानी भी जमने लगा है। जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जगह-जगह गिरने वाले झरने भी जमने लगे हैं। यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम तक जगह-जगह पानी जम गया है। पैदल मार्ग पर आवाजाही भी जोखिम भरी हो रही है।
गंगोत्री धाम में बर्फबारी से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। गंगोत्री मंदिर के सचिव राजेश सेमवाल ने बताया है कि इस बार बर्फबारी भले कम हुई हो ,लेकिन अब उम्मीद है कि अब बर्फबारी होगी। इधर हर्षिल सहित निचले इलाकों में अपराह्न बाद हल्की बूंदाबांदी हुई। उधर, पर्यटक स्थल चौरंगी, दयारा में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ऐसे में यहां पहुंचे सैलानियों के चेहरे खिल उठे। सैलानियों को उम्मीद है कि बर्फबारी का लुत्फ उठा सकेंगे। मौसम का पारा लुढ़कने से जिला मुख्यालय सहित सम्पूर्ण ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड बढ़ गई। मोरी क्षेत्र में बारिश से शहर के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा। लोग दिन में भी अलावा सेंकते नजर आए। उत्तरकाशी शहर डुंडा, चिन्यालीसौड़, बड़कोट, पुरोला सहित कई क्षेत्रों में लोग आग जलाकर ठंड से बचने का प्रयास करते नजर आए।आज उत्तरकाशी के निचले क्षेत्रों में जमकर बारिश शुरू हो गई है।
बारिश से खिले किसानों के चेहरे-
बारिश को देखते हुए किसान भी राहत में हैं। लंबे समय बाद बारिश हुई तो गेहूं, जौ, मटर आदि फसलों के लिए संजीवनी साबित होगी।
केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ धामों में बर्फबारी और झमाझम बारिश-
केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों सहित केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ धामों में बर्फबारी होने और निचले क्षेत्रों में झमाझम बारिश होने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है। झमाझम बारिश और सर्द हवाओं के चलने से ग्रामीण घरों में कैद होने के लिए विवश हो गये हैं। मुख्य बाजारों में व्यापारी अलाव के सहारे समय गुजार रहे हैं। हालांकि झमाझम बारिश होने से निचले क्षेत्रों के काश्तकारों के चेहरे खिल उठे हैं
आज केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों सहित पवालीकांठा, केदारनाथ, वासुकीताल, केदारनाथ, मनणामाई तीर्थ, मदमहेश्वर, पाण्डव सेरा, नन्दीकुण्ड, विसुणीताल, चोपता में मौसम के अनुकूल बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में झमाझम बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट आयी है। आने वाले समय में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो सीमान्त गांव तोषी, त्रियुगीनारायण, चौमासी, चिलौण्ड, जाल मल्ला, गौण्डार, रासी, गडगू, सारी मोहनखाल, कार्तिक स्वामी घिमतोली क्षेत्रों में भी बर्फबारी का आगाज हो सकता है।
तुंगनाथ धाम के प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि तुंगनाथ धाम में सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई है।सम्पूर्ण तुंगनाथ घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है। मदमहेश्वर घाटी के काश्तकार बलवीर राणा ने बताया कि निचले क्षेत्रों में झमाझम बारिश होने से प्रकृति व काश्तकारों की फसलों में नई ऊर्जा का संचार होगा। तुंगनाथ घाटी के व्यापारी प्रदीप बजवाल और गम्भीर बिष्ट ने बताया कि तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर हल्की बर्फबारी होने से पर्यटकों की आवाजाही में वृद्धि होने के आसार हैं।
बारिश से गुल रही नैनीताल की बिजली, ठंड की रही मार –
सोमवार को मौसम के बदले मिजाज के बीच नगर में कई दौर में रुक-रुककर हल्की बारिश हुई, जबकि नगर की सबसे ऊंची समुद्र की सतह से 2610 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नैना पीक चोटी पर हल्के हिमकण गिरने व बर्फबारी होने का समाचार है। मौसम विभाग के अनुसार नगर में सुबह 8 बजे तक 2.5 मिमी बारिश दर्ज की गई और तापमान अधिकतम 10 से 4 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। पर्यटन नगरी एवं उत्तराखंड की न्यायिक राजधानी बारिश होने पर ही पूरे दिन बिजली से वंचित रही। इससे नगरवासी बिना हीटर और बिना रोशनी के कड़ाके की ठंड झेलने को मजबूर रहे।
विद्युत वितरण खंड नैनीताल के अधिशासी अभियंता हारून रशीद ने बताया कि सुबह 10 बजे सूखाताल को आने वाली 33 केवीए लाइन में ब्रेक डाउन आ गया था। करीब साढ़े 10 बजे पाइंस से आने वाली लिंक लाइन से आपूर्ति शुरू कर दी थी, लेकिन अपराह्न साढ़े 12 बजे लिंक लाइन भी ट्रिप हो गई। तब से अपराह्न तीन बजे तक दोनों लाइनों में आई खराबी को खोजा नहीं जा सका था। अलबत्ता 4 बजे के करीब नगर के कुछ हिस्सों में विद्युत आपूर्ति सुचारु हो पाई।
मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि गढ़वाल रीजन में बारिश के साथ बर्फबारी देखने को मिली है। कुमाऊं में थोड़ी सी बारिश की शुरुआत हुई है। जिले में 2500 सौ मीटर के अंदर और 2200 मीटर में बर्फबारी मिली है।सोमवार देर रात तक बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में जितनी बारिश होनी चाहिए थी, उतनी बारिश अभी तक नहीं हुई है। जनवरी माह में बारिश की कमी रही। अभी 21.5 मिलीमीटर ही बारिश मिली है जबकि वास्तव में रेन फाल 40.7मिमी मिलनी चाहिए। शनी करीब आधी रैन मिली है। हालांकि महीने की शुरुआत के साथ आठ दस दिन प्रदेश में मौसम साफ रहने के आसार हैं। हरिद्वार और उधमसिंह नगर में मंगलवार और बुधवार को कोहरा छाए रहने की संभावना है।