नैनीताल की मॉल रोड पर खड़े हर व्यक्ति के कदमों के नीचे हैं एक लाख रुपये

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नैनीताल

एक व्यक्ति को किसी स्थान पर खड़े होने के लिए करीब 1 वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप नैनीताल की मॉल रोड पर खड़े होने भर के लिए 1 वर्ग मीटर जमीन खरीदना चाहते हैं तो पहले तो आपको यह उपलब्ध नहीं होगी।

यदि जमीन उपलब्ध हो भी जाए तो उसका सर्किल रेट यानी सरकारी मूल्य 1 लाख रुपए होगा। यानी एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से आपको सरकार को जमीन की रजिस्ट्री कराने पर स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी। यह अलग बात है कि असली दर तो इससे भी अधिक होनी तय ही है। इसके साथ नैनीताल के लोग गर्व से कह सकते हैं कि वह राज्य की सबसे महंगी जमीन पर रहते हैं।

बुधवार को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए 52 निर्णयों में एक निर्णय यह भी है कि राज्य की जमीनों के सर्किल रेट बढ़ा दिए गए हैं। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार राज्य के पांच फीसद क्षेत्रों में सर्किल रेट 200 फीसद बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सर्किल रेट अब नैनीताल की अपर मॉल रोड के एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किए गए हैं।

देहरादून के घंटाघर से आरटीओ तक 63,000, आरटीओ से मसूरी डायवर्जन तक 55,000 व आईटी पार्क में 35000, मसूरी की माल रोड पर 28 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर मूल्य तय किया गया है। इसके अलावा अल्मोड़ा की माल रोड पर सर्किल रेट 6500 रुपये प्रति वर्ग मीटर से 12,000 रुपये किया गया है। इसके अलावा किच्छा में सर्किल रेट 6000 से बढ़ाकर 14,000, हरिद्वार में बहादराबाद 14,500 से बढ़ाकर 35,000 हरिद्वार में चंडीपुल से श्यामपुर 15,000 से बढ़ाकर 35,000 हल्द्वानी में बरेली रोड पर 36,000 से बढ़ाकर 50,000, नैनीताल जनपद के सतखोली में 4000 से बढ़ाकर 8000 अल्मोड़ा में पिथौरागढ़ मार्ग पर 6000 से बढ़ाकर 10000, डोईवाला में 5000 से बढ़ाकर 8500, काशीपुर के एरोमा पार्क में 3800 से बढ़ाकर 7000, गौलापार हल्द्वानी में 13,500 से बढ़ाकर 17000 व श्रीनगर के चौरास मार्ग पर 8000 से बढ़ाकर 9200 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिए गए हैं।

बताया गया है कि नए सर्किल रेट के लिए दो चरणों में प्रक्रिया अपनाई गई। पहले इस पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने और फिर शासन स्तर पर इसे अंतिम रूप दिया गया। सरकार ने ऐसे स्थानों पर सर्किल रेट बढ़ाने की पूरी कोशिश की, जहां नए हाईवे बन रहे हैं या प्रस्तावित है ताकि इससे स्थानीय काश्तकारों को मुआवजे के रूप में लाभ मिल सके। सर्किल रेट के निर्धारण में जीआईएस सॉफ्टवेयर के साथ ही पिछली रजिस्ट्रियों का परीक्षण और 30 से ज्यादा ई-कॉमर्स साइटों को भी खंगाला गया। अभी राज्य सरकार को स्टांप ड्यूटी से 1700 करोड़ मिलने का लक्ष्य है, जबकि नई दरों के बाद इसमें 700 करोड़ से ज्यादा वृद्धि की संभावना है।