उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में 77,40,70, 837 हजार करोड़ का बजट सदन में पेश किया।
भोजनावकाश के बाद करीब दो बजे सदन के नेता पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री डा. प्रेम चंद अग्रवाल सदन में पहुंचे। मुख्यमंत्री धामी धोती कुर्ता के साथ पहाड़ी टोपी पहने हुए थे। इसके बाद वित्त मंत्री डा.अग्रवाल ने चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 का 77,40,70,837 हजार करोड़ का उत्तराखंड का बजट सदन में पेश किया। उन्होंने राज्य की अनुमानित आय 76592.54 करोड़ रहने की उम्मीद जताई है। इसमें 57,057.26 करोड़ राजस्व प्राप्ति और 19,535.28 करोड़ पूंजीगत प्राप्तियों का आय का अनुमान है। इस वित्तीय वर्ष में कोई राजस्व घटा अनुमानित नहीं है।
वित्त मंत्री डा. अग्रवाल ने अपने बजट भाषण में कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट सात प्राथमिक बिंदुओं, मानव पूंजी में निवेश, समग्र कल्याण की दृष्टि से क्षमता संवर्धन से समावेशी विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं की सुलभता, पूंजीगत सुविधाओं व्यय में वृद्धि और सार्वजनिक सम्पतियों का सृजन व अनुरक्षण, निर्बाध और सुरक्षित संयोजकता, प्रौद्योगिकी आधारित विकास, इकोलॉजी और इकोनामी का संतुलन पर केंद्रित करने का प्रयास किया गया है। यह अमृतकाल का पहला बजट है।
वित्त मंत्री डा. अग्रवाल ने 77,40,70,837 हजार करोड़ का बजट सदन पेश करते हुए बताया कि राज्य की अनुमानित आय 76,592.54 करोड़ और 57057.26 राजस्व प्राप्ति और 19535.28 करोड़ पूंजीगत प्राप्तियों का आय का उम्मीद है। केंद्रीय कर से उत्तराखंड को 31402.48 करोड़ राज्यांश के रूप में मिलेगा।
जोशीमठ के लिए बजट में एक हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। जी- 20 के लिए 100 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। धामी सरकार ने सबसे ज्यादा बड़ा हिस्सा 1 हजार 459.55 करोड़ शिक्षा पर और स्वास्थ्य पर 4217.87 करोड़ खर्च किया जाएगा।
समाज कल्याण, महिला बाल कल्याण पर इस वित्तीय वर्ष में 2850.24 करोड़ खर्च होंगे जबकि नंदा गौरा योजना के लिए 282.5 करोड़ का बजट रखा गया है। पीडब्ल्यूडी के हिस्से में 2791.83 करोड़ रुपये आए हैं। सरकार लखवार परियोजना पर 500 करोड़ खर्च करेगी। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए भी बजट में 215 करोड़ दिए गए हैं।
उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय के लिए 51 करोड़ और मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना में छात्रवृत्ति 11 करोड़, पीएम श्री योजना के लिए 92.78 करोड़ का प्रावधान किया गया है। कृषि विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 1294.15 करोड़ और मिलेट मिशन 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
स्थानीय फसलों में प्रोत्साहन के लिए 20 करोड़ और स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 4217.87 करोड़,अटल आयुष्मान के लिए 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज के निर्माण के लिए 400 करोड़ और निराश्रित विधवा पेंशन के लिए 250 करोड़ के साथ किसान पेंशन योजना के लिए 35 करोड़ और मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान योजना के लिए 26.72 करोड़ दिया गया है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए 23 करोड़ और मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के लिए 19.95 करोड़ रखा गया है।
विकेन्द्रीकृत विकास जिला योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 925.60 करोड़ दिया गया है, जो कि गत वर्ष से लगभग 26 प्रतिशत अधिक है। स्थानीय निकायों के समनुदेशन के लिए 3343 करोड़ औऱ लोक निर्माण विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 2791.83 करोड़ दिए गए हैं। इसमें रख-रखाव के लिए अनुरक्षण मद में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 430.67 करोड़ के प्रावधान के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023-24 में 850.47 करोड़ का प्रावधान किया गया है। नव निर्माण करने के लिए वृहद् निर्माण मद में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1244.80 करोड़ के प्रावधान के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1318.30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1251.33 करोड़ और लखवार परियोजना के अन्तर्गत 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सिंचाई विभाग के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1443.42 करोड़ दिया गया है। देहरादून पेयजल के लिए सांग डैम के अन्तर्गत 110 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
राज्य के विभिन्न विभागों में अवस्थापना कार्य के लिए 1300 करोड़ और अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 215 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उद्यान विभाग में वित्तीय वर्ष 815.66 करोड़ और पॉलीहाउस 200 करोड़, मिशन एप्पल योजना के अन्तर्गत 35 करोड़ दिया गया है राजकीय नियुक्तियों के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है, जिसके लिए राज्य लोक सेवा आयोग के अन्तर्गत 133.53 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
स्वरोजगार और रोजगार के लिए विशेष व्यवस्था-
उद्योग विभाग में वित्तीय वर्ष 461.31 करोड़ वर्क फोर्स डेवलेपमेंट के लिए 100 करोड़, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 40 करोड़, प्रमोशन ऑफ इंवेस्टमेंट स्टार्टअप और इंटरप्रिन्योरशिप योजना के लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
विभिन्न नीतियों के तहत उद्योगों को अनुदान के लिए 26 करोड़ और पर्यटन विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 302.04 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उत्तराखंड राज्य पर्यटन विकास परिषद के लिए 63.00 करोड़ और विकास के लिए अवस्थापना निर्माण के लिए 60.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
टिहरी झील का विकास के निर्माण के लिए 15.00 करोड़ और धाम यात्रा/ मार्गों पर आधारभूत सुविधाओं का निर्माण/ विकास के लिए 1000 करोड़ का दिया गया है। पर्यटन विभाग अन्तर्गत चारधाम एवं विभिन्न स्थानों के लिए भूमि क्रय के लिए 50 करोड़ और शिक्षा एवं युवा कल्याण विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 10459.55 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर खर्च-
कर्मचारियों के वेतन-भत्तों आदि पर लगभग सत्रह हजार तीन सौ पंचानबे करोड़ पन्द्रह लाख, सहायता प्राप्त शिक्षण व अन्य संस्थाओं व कर्मचारियों के वेतन भत्तों के रूप में लगभग एक हजार चार सौ चौबीस करोड़ उन्चास लाख, पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों के रूप में सात हजार छः सौ एक करोड़ अट्ठानबे लाख, व्यय अनुमानित है। वर्ष 2023-24 में कुल व्यय सतहत्तर हजार चार सौ सात करोड़ आठ लाख अनुमानित है। कुल व्यय में बावन हजार सात सौ सैंतालिस करोड़ एकहत्तर लाख राजस्व लेखे का व्यय है और चौबीस हजार छह सौ उनसठ करोड़ सैंतीस लाख पूंजी लेखे का व्यय है।
राजस्व घाटा अनुमानित नहीं-
समेकित निधि वर्ष 2023-24 के बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है बल्कि चार हजार तीन सौ नौ करोड़ पचपन लाख का राजस्व सरप्लस सम्भावित है। नौ हजार छियालीस करोड़ इक्यानबे लाख का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जोकि सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.72 प्रतिशत है।
लोक लेखा से समायोजन में वर्ष 2023-24 में समेकित निधि का घाटा पूरा करने के लिए छह सौ करोड़ लोक लेखा से समायोजित किये जायेंगे। शेष वर्ष 2023-24 के अनुमानित प्रारम्भिक शेष एक सौ पैंतालीस करोड़ छियासठ लाख वर्ष की प्राप्तियों एवं व्यय पश्चात अन्तिम शेष एक सौ इक्यासी करोड़ ग्यारह लाख धनात्मक रहना अनुमानित है।