कुमाऊं मंडल में दावों से इतर पुलिस विभाग सत्यापन को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। विभाग के ही आंकड़े विभागीय कार्यप्रणाली की चुगली कर रहे हैं। कुमाऊं के छह जिलों की बात करें तो यहां 16,212 लोग बिना सत्यापन रह रहे हैं। इनमें से 1557 लोग संदिग्ध हैं। इनके पास कोई पहचान पत्र नहीं मिला। इनकी सबसे ज्यादा संख्या नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में है।
आंकड़ों के अनुसार पुलिस ने अप्रैल से अब तक के 16,212 किरायेदार चिह्नित किए हैं। इनमें फड़, रेहड़ी और छोटा व्यापार करने वाले लोग शामिल नहीं हैं। इनमें से डेढ़ हजार लोग अपनी पहचान ही नहीं बता पाए। सत्यापन में सबसे पीछे नैनीताल पुलिस है। यहां 4,723 बिना सत्यापन और 606 लोग संदिग्ध मिले हैं। इसके बाद ऊधमसिंह नगर में 644 लोग संदिग्ध मिले हैं। आंकड़ों पर आईजी ने नाराजगी जताई है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार नैनीताल जनपद में 4726 लोग बिना सत्यापन के रह रहे हैं। इनमें 606 लोग संदिग्ध हैं। इसी तरह यूएस नगर में 3832 लोग गैर सत्यापित और 644 संदिग्ध, पिथौरागढ़ में 2420 असत्यापित व 43 संदिग्ध, चम्पावत में 2378 असत्यापित व 17 संदिग्ध, अल्मोड़ा में 1671 असत्यापित व 192 संदिग्ध तथा बागेश्वर जिले में 1188 असत्यापित व 55 संदिग्ध शामिल हैं।
आईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि पुलिस शत-प्रतिशत सत्यापन को लेकर गंभीर है। सत्यापन को लेकर सभी जिलों की पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने पर संबंधित थाना-चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।