उत्तराखंड मंत्रिमंडल : विधानसभा का मानसून सत्र 05 सितंबर से होगा शुरू

    0
    332
    मुख्यमंत्री

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें ”मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना”,खेल विभाग, प्रतियोगी, छात्रों को परीक्षा के दौरान बसों में किराया छूट, नगर पालिका सीमा विस्तार,वन, ऊर्जा, सहित कुल 30 प्रस्ताव लाए गए। इनमें से कई अहम प्रस्तावों को मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है। विधानसभा का मानसून सत्र आगामी 05 सितंबर से शुरू होगा।

    मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्य सचिव एसएस संधू ने ब्रीफिंग की। उन्होंने बताया कि विधानसभा का मानसून सत्र देहरादून में 05 सितंबर से होगा। इसमें ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 की वार्षिक वित्तीय आख्या विधानसभा के पटल पर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। नियोजन विभाग की ओर से ”उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड” के गठन संबधी “उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना (विकास और विनियमन) विधेयक, 2023 का अनुमोदन कर दिया है।

    मुख्य सचिव संधू ने बताया कि उत्तराखंड वन विभागान्तर्गत वन सांख्यिकीय सेवा संवर्ग के ढांचे में आंशिक संशोधन करते हुए सहायक सांख्यिकीय अधिकारी के स्वीकृत 34 पदों में से 02 पद समाप्त करते हुए उप निदेशक, सांख्यिकीय के 02 नवीन पद सृजित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

    उन्होंने बताया कि ”मुख्यमंत्री प्रतियोगी परीक्षा परीक्षार्थी रियायत परिवहन योजना, 2023 के तहत ”प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले परीक्षार्थियों को राज्य के अन्दर अपने गृह स्थान से परीक्षा केन्द्र तक राज्य की परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने पर मुख्यमंत्री प्रतियोगात्मक परीक्षार्थी परिवहन योजना के अन्तर्गत यात्रा किराये में 50 प्रतिशत की छूट की स्वीकृति दी गई है।

    पंचायती राज विभाग की ओर से एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल 06 माह के लिए 26 जुलाई 2023 से आगामी 06 माह तक विस्तारित किया गया है। पंतनगर एयरपोर्ट को विस्तार कर इंटरनेशनल एयरपोर्ट रनवे के लिए बनाया जाएगा। इसे 03 हजार मीटर बढ़ाया जाएगा।

    नगरपालिका और शहरी विकास को लेकर चर्चा हुई। नरेंद्र नगर की सीमा का विस्तार किया गया। तीन गांव को नगर पालिका में जोड़ा गया है। 150 व्यक्ति से ज्यादा जनसंख्या घनत्व है। चमोली के घाट ब्लॉक को अब नगर पंचायत बनाया गया है। कीर्तिनगर का भी सीमा विस्तार किया गया है। 32 परिवार को शहरी क्षेत्र में जोड़ा गया है, पूर्व में ये रह गए थे। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी को नगर पंचायत और नगर पालिका रुद्रप्रयाग का विस्तार किया गया। भीमताल में भी लगातार पर्यटन बढ़ रहा है। इसलिए इसे उच्चीकृत करके नगर पालिका बनाने का निर्णय लिया गया है।

    राज्य के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के लिए खेल नीति, 2021 के अन्तर्गत अन्तरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को उत्तराखंड में राजपत्रित/ अराजपत्रित पदों पर आउट ऑफ टर्न सेवायोजन प्रदान किया जाएगा। वर्तमान में उत्तराखंड के खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सेवायोजन की कोई व्यवस्था निर्धारित नहीं थी। इसमें 06 विभाग शामिल हैं। खेल विभाग, युवा कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग। खेल विभाग में अभी तक यूपी की नियमावली को लागू किया गया था।

    वित्त विभाग की ओर से प्रचलित अनुबंधों की कार्यपूर्ति प्रतिभूति एवं प्रतिभूति निक्षेप की दरों को युक्तिसंगत निर्माण कार्यों में 5 करोड़ तक की अनुमानित लागत वाले कार्य के लिए संविदा मूल्य का 05 प्रतिशत और 5 करोड़ से अधिक के अनुमानित लागत वाले कार्य के लिए संविदा मूल्य का 03 प्रतिशत कार्यपूर्ति गारंटी ली जायेगी। निर्माण कार्यों में प्रतिभूति निक्षेप की दर संविदा मूल्य का 05 प्रतिशत से 07 प्रतिशत होगी। सामग्री एवं सेवाओं के लिए कार्यपूर्ति प्रतिभूति की दर संविदा के मूल्य की 3 से 10 प्रतिशत होगी।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के प्रावधानों और मूल्यों के अनुरूप उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत ”मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना” लाई गई है। योजना” के अन्तर्गत मानविकी, सामाजिक विज्ञान, भाषा, साहित्य, पर्यावरण, ज्वलंत मुद्दों, उत्तराखंड विकास पर शोध, पर्यटन, परम्परागत विज्ञान, इंजीनियरिंग में उभरते क्षेत्रों में शिक्षण और शोध को प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्य से संबंधित शोध विषयों को प्रोत्साहित करते हुए विशिष्ट समस्या समाधान और क्रियात्मक शोध विषयों को वरीयता दी जाएगी। ऑनलाइन माध्यम से समर्थ पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा। स्तरीय ”शोध एवं विकास प्रकोष्ठ समिति का गठन किया जाएगा।

    योजनान्तर्गत शोध के लिए अनुदान की अधिकतम राशि की सीमा 15 लाख तक होगी, जिसे विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त 20 प्रतिशत तक बढ़ाते हुए 18 लाख तक अनुमन्य किया जा सकता है। अनुदान राशि तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी।शोध कार्य के लिए शोध सहयोगी के प्रथम योगदान से शोध कार्य की समाप्ति की तिथि तक 5,000 प्रति माह की दर से शोध मानदेय देय होगा।

    शिक्षा विभाग के तहत ही देव भूमि उद्यमिता योजना प्रदेश सरकार लेकर आ रही है। इस योजना में अवरनेस कैंप लगाए जाएंगे। इसमें अलग-अलग जिलों में शोध कार्य करवाए जायेंग। विशेषज्ञ छात्र को प्रशिक्षित करेंगे। एक साल में तीन हजार को प्रशिक्षण मिलेगी। चिकित्सा शिक्षा के तहत इस वर्ष के लिए मेडिकल कॉलेज में नर्स की भर्ती को लेकर शिथिलीकरण दी गई है।

    ” ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) के अन्तर्गत 01 लाख से अधिक प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार बढ़ाकर 3 लाख तक कार्यक्रम अधिकारी/ खण्ड विकास अधिकार दिया गया है। इससे अधिक जिलाधिकारी ख़र्च कर सकेंगे।

    कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग (उद्यान विभाग) की ओर से सेब की अति सघन बागवानी योजना लाई गई है। वर्ष 2023-24 से वर्ष 2030-31 (08 वर्ष) तक 5000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। सघन उद्यान स्थापित किये जाने पर 808.79 करोड़ व्यय किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में राज्य में सेब के सामान्य बागानों में लगभग 2.50 मैट्रिक टन प्रति हेक्टेयर उत्पादकता है, जबकि सेब की अतिसघन बागवानी से लगभग 25 मैट्रिक टन प्रति हेक्टेयर उत्पादकता प्राप्त होगी, जिससे लगभग 45000 से 50000 रोजगार सृजन और सेब का वर्तमान व्यवसाय 200 करोड़ से बढ़ाकर 2000 करोड़ किये जाने का लक्ष्य है। इससे कृषकों की आय में वृद्धि, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन में कमी और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि होगा।

    मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमों का प्रख्यापन किया गया है। वर्तमान में मानव वन्यजीव संघर्ष के अन्तर्गत जान-माल की क्षति होने पर अनुग्रह राशि का भुगतान “मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली को संस्तुति दी गई है। सहायता निधि में धनराशि तय की गई है। सामान्य रूप से घायल पर 15 हजार गंभीर रूप से घायल को 01 लाख और जंगली जानवर से संघर्ष में मृत्यु होने पर 6 लाख मिलेगी।

    मानवीय क्षति होने पर देय अनुग्रह राशि को बढ़ाने के साथ-साथ नियमावली में उल्लिखित पशुधन (यथा-बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ (स्नो लेपर्ड), जंगली हाथी, तीनों प्रजाति के भालू (एशियाई काला भालू, हिमालयन भूरा भालू, स्लॉथ भालू), जंगली सुअर, लकड़बग्घा, मगरमच्छ /घड़ियाल, चीतल, काकड़, सांबर, नील गाय, बन्दर, लंगूर, सांप