प्रधानमंत्री के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग हादसे और रेस्क्यू आपरेशन का निरीक्षण करने के लिए शनिवार को घटनास्थल पर पहुंचे। ताकि सुरंग में खामियाें के कारण हुए हादसे और बचाव कार्यों को बेहतर करने के साथ और तेजी से किया जा सके। इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगे के लिए हम इस तरह के सभी निर्माण कार्यों की समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में सभी टनल प्रोजेक्ट की समीक्षा की जाएगी। शहरों की वहन क्षमता का भी हम आकलन कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मसूरी, देहरादून-टिहरी समेत प्रदेश में कई टनल प्रोजेक्ट प्रस्तावित व विचाराधीन हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि टनल निर्माण का कार्य एनएचआईडीसीएल कर रही है। सुरंग का काम पूरा होने वाला ही था। करीब 400 मीटर का काम शेष रह गया था। इसकी मॉनिटरिंग भी वही लोग कर रहे थे, तभी यह हादसा हो गया और सुरंग में 40 श्रमिक फंस गए।
उन्होंने बताया कि एजेंसियां बचाव कार्य में जुटी हैं और राज्य सरकार इसमें उनका सहयोग कर रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय भी बचाव अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं लगातार बचाव कार्य देख रहे हैं।
आज प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने बीते सात दिनों से चले रेस्क्यू कार्य की फ़ीड बैक लिया।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री के उप सचिव घिल्डियाल इस बारे में समीक्षा कर रहे हैं और सभी लोगों से टनल में हुए हादसे और राहत-बचाव संबंधी जानकारी ले रहे हैं। उप सचिव घिल्डियाल उनसे भी फीडबैक लिया है। प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के स्तर से निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी कठिन परिस्थितियों में जो एजेंसियां व विशेषज्ञ काम करते हैं, उनसे संपर्क किया जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि ऐसे सभी लोग अभियान से जुड़े हैं और उनका मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वहां पर जितनी भी एजेंसियां काम कर रही हैं, उन्हें राज्य सरकार की ओर से हर प्रकार का सहयोग दिया जा रहा है। मुख्य सचिव व अन्य अधिकारी उनके संपर्क में हैं। तकनीकी चीजें उन्हीं को करनी है, राज्य सरकार उनको पूरा सहयोग दे रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि टनल में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। उनसे लगातार संपर्क हो रहा है। सभी को खाना, पानी, ऑक्सीजन सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। टनल हादसे के दौरान जो हालात बनें, उन्हें पहले नहीं देखा जाना चाहिए था। इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमारी सबसे पहली प्राथमिकता सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की है।
सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए देश-दुनिया की आधुनिक तकनीक की ले रहे मदद : सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में बीते सात दिनों से फंसे 40 श्रमिकों बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए देश-दुनिया की आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पीएमओ के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल निकालने के प्रयास में जुटी है। सुरंग में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए देश और दुनिया में ईजाद की गई आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है। उम्मीद हैं कि जल्द इसमें सफलता मिल जायेगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लगातार बचाव अभियान का अपडेट ले रहे हैं। ऐसे में ग्राउंड जीरो पर जो भी रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है, अधिकारी एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाकर समय पर अंजाम तक पहुंचाएं। रेस्क्यू कार्य के लिए जिन संसाधनों की जरूरत हैं, उनको तत्काल एजेंसियों को मुहैया करा कर तेजी से कार्य कराएं। सरकार की प्राथमिकता में श्रमिकों काे सुरक्षित और जल्द से जल्द सुरंग से बाहर निकालना है।
श्रमिकों और परिजनों के साथ खड़ी है सरकार –
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मुसीबत में फंसे श्रमिकों के परिजनों के साथ सरकार खड़ी है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह सभी परिजनों को रेस्क्यू की हर पल की जानकारी देते रहें। इसके अलावा सिलक्यारा पहुंचे परिजनों के लिए भी सहायता केंद्र खोलने और उनके रहने- खाने की जरूरत के हिसाब से मदद की जाए। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में परिजनों को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग आपदा से निपटने के लिए देश और दुनिया में चले पुराने सुरंग रेस्क्यू के अनुभवों के आधार पर कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए अधिकारी पड़ोसी राज्य हिमचाल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर समेत दुनिया के कई देशों में सुरंग निर्माण और आपदा के बाद हुए रेस्क्यू की तकनीकी को अपना रहे हैं। पीर पंजाल, अटल सुरंग, भंवर टोंक, संगलदान जैसी बड़ी सुरंग निर्माण और लूज गिरने के बाद रेस्क्यू की जानकारी जुटाई जा रही है। इसी के अनुसार रेस्क्यू टीम श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयास में जुटी हैं।