जंगलों से जान बचा शहरी इलाकों में आ रहे जानवर

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वन प्रभाग रुद्रप्रयाग के जंगल लम्बे समय से धूं-धूंकर जल रहे हैं। जंगलों में आग लगाए जाने से वन्य जीवजंतु भी खासे परेशान हैं, जिस कारण वे जंगलों से भागकर शहरी इलाकों में आकर अपनी जान बचा रहे हैं। जंगलों में लग रही आग से चारों ओर धुंआ ही धुंआ नजर आ रहा है और लाखों की वन सम्पदा जलकर राख हो गई है। हालांकि वन महकमा आग बुझाने के प्रयास में जुटा हुआ है।

बता दें कि लम्बे समय से जिले में बारिश नहीं हुई है जबकि जंगलों में आग लगाए जाने से गर्मी की तपिश बढ़ती जा रही है। जंगलों में लगाई जा रही आग के कारण वन्य जीव जंतु भी खासे परेशान है और अपनी जान बचाने के लिए शहरी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं। जंगलों में अनियंत्रित रूप से फैल रही आग से पेड़-पौधे, जानवर, घास के मैदान जलकर राख हो रहे हैं। जंगलों में चलने वाली तेज हवा के कारण यह आग अनियंत्रित होकर बड़े भू-भाग में फैल रही है, जिससे वायुमंडल और इंसानों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। वनाग्नि के कारण चारों तरफ धुआं छाया हुआ है। इन हालातों ने वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों को चिंता में डाल दिया है।

प्रसिद्ध पर्यावरणविद जंगत सिंह जंगली ने कहा कि जंगलों में आग लगाई जा रही है। कुछ शरारती तत्व जंगलों में आग लगाकर लाखों की वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाने में लगे हैं, जबकि इनकी हरकतों से वन्य जीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है। जंगली जानवर अपनी जान बचाकर शहरी इलाकों में आ रहे हैं। कहा कि इस वर्ष अन्य वर्षों की अपेक्षा बर्फबारी की बेरुखी के परिणाम गर्मी के मौसम के शुरुआत में ही नजर आने लगे हैं। जंगलों में लगी आग जहां एक तरफ वायुमंडल के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है, वहीं इंसानों के स्वास्थ्य के लिए इसका धुआं बेहद खतरनाक साबित हो रहा है।

वरिष्ठ सर्जन डॉ आनंद सिंह बोहरा ने बताया कि जंगलों की आग से निकलने वाले धुएं से सांस की खतरनाक बीमारी, कैंसर समेत कई घातक बीमारियां हो सकती हैं। बुजुर्गों के लिए जंगलों का धुआं बेहद खतरनाक है, लिहाजा इससे बचाव किया जाना चाहिए।