हिमालय में बिराजे विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग बाबा केदारनाथ के कपाट विधि-विधान के साथ आज सुबह छह माह के लिए खोल दिए गए। इस दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। सेना की ग्रेनेडियर रेजीमेंट के बैंड की सुमधुर धुनों से केदारधाम परिसर गूंज उठा। इसी के साथ चारधाम यात्रा प्रारंभ हो गई। इस अवसर के 10 हजार से अधिक श्रद्धालु साक्षी बने। पुण्य अवसर पर मौसम साफ रहा। मंदिर को लगभग 20 क्विंटल फूलोंं से सजाया गया। मुख्य सेवक भंडारा कार्यक्रम समिति ने सभी के भंडारा आयोजित किए हैं।
प्रातः चार बजे श्री केदारनाथधाम परिसर में कतारबद्ध चारधाम यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ।कुझ समय बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, पुजारी, धर्माचार्य, वेदपाठी, केदार सभा के पदाधिकारी और जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार पूरब द्वार से मंदिर पहुंचे। फिर पूजा शुरू हुई। इसके बाद भगवान भैरवनाथ और भगवान शिव के आह्वान के साथ ठीक सुबह सात बजे श्रीकेदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए।
कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से शृंगार रूप दिया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर मौजूद रहे। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई देते हुए देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा कीर्तिमान बनाएगी। प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सभी को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस बार रिकार्ड तीर्थ यात्री श्रीकेदारनाथ धाम पहुंचेंगे। कार्यक्रम के अनुसार छह मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ की पूजा हुई थी। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति नौ मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया गया कि 11 मई को श्री केदारनाथ धाम में भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलने के साथ केदारनाथ मंदिर में नित्य प्रति आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जाएंगी। मान्यता है कि बाबा केदारनाथ छह महीने समाधि में रहते हैं। मंदिर के कपाट बंद होने के अंतिम दिन चढ़ावे के बाद सवा क्विंटल भभूति चढ़ाई जाती है। कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदारनाथ समाधि से जागते हैं। इसके बाद भक्त दर्शन करते हैं। यमुनोत्री के कपाट 10ः29 बजे और गंगोत्री के कपाट आज दोपहर बाद 12 बजकर 20 मिनट पर खुलेंगे। बदरीनाथ के कपाट 12 मई को सुबह छह बजे खुलेंगे।
आज यहां कपाट खुलने के समय हक-हकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग, संस्कृति एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भटृट मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,वीरेंद्र असवाल, , मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य औंकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी, स्वयंबंर सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण, देवानंद गैरोला आदि मौजूद रहे।