चीन और फ्रांस के 55 योग साधक परमार्थ में ले रहे प्रशिक्षण

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ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन आश्रम में तीन सप्ताह से संचालित योग प्रशिक्षण शिविर में चीन और फ्रांस से आये 55 योग साधक परमार्थ में रहकर योग, ध्यान, प्राणायाम का प्रशिक्षण ले रहे हैं।

शिविर में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ धनसिंह रावत शामिल हुए। इस मौके पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान समारोह में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज एवं उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ धनसिंह रावत ने योग जिज्ञासुओं को सम्बोधित किया।

 डाॅ रावत ने कहा कि, ’योगमय जीवन पद्धति ही श्रेष्ठ जीवन पद्धति है। भारतीय भाषा की एक अलग पहचान है और इस भाषा को बचाए रखने के लिए इसके प्रति हम सभी का लगाव होना जरूरी है।’

स्वामी चिदानन्द ने उपस्थित योग साधकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, ’योग करें और सहयोग करें’ यही सबसे बड़ा योग है। योग का सम्बंध किसी धर्म से नहीं है बल्कि सम्पूर्ण मानवता से है। योग की कोई थ्योरी नहीं है बल्कि योग तो विज्ञान है, एक ऐसा विज्ञान जिसके द्वारा जीवन ऊर्जावान बनाता है। हमें योग करना ही नहीं बल्कि योगी होना भी है। 

स्वामी ने कहा कि आज हमें देश में नये तरह के ’इनफॉर्मेशन के साथ इन्स्परेशन और ट्रान्सफर्मेशन’ आईआईटी बनाने की जरूरत है। सभी का 4टी प्रोग्राम ’टाइम, टैलेंट, टेक्नोजाॅजी तथा टिनैसिटी’ के लिये आह्वान किया।