प्रसिद्ध फ्रीलांसर फोटोग्राफर व सामाजिक कार्यकर्ता कमल जोशी की स्मृति में ‘पहाड़’ संस्था से जुड़े लोगों द्वारा हर्षिल से दून ‘कजोहिया’ यानि की कमल जोशी हिमालय यात्रा निकाली गई।
सात सदस्यीय यात्रा दल के गाइड यशवंत पंवार के साथ 23 सितम्बर को हर्षिल से पैदल यात्रा शुरू की, जिसका समापन दो अक्टूबर को देहरादून में हुआ। यात्रा का पहला पड़ाव लाल देवता, दूसरा क्यारकोटी बुग्याल, तीसरा सूखाताल, चौथा लमखागा बेस था। लमखागा बेस पार कर यात्रा दल अपने पांचवे पड़ाव जमदार पहुंचा। छठा पड़ाव दुमाटी पार करने के बाद यात्रा दल सातवें पड़ाव छिटकुल पहुंचा। छिटकुल तक पैदल यात्रा करने के बाद यात्री दल बस से सांगला से शिमला होते हुए दो अक्टूबर को दून पहुंचा। दून पहुंचने पर ‘हैस्को,’ ग्राम शुक्लापुर में यात्रा दल का स्वागत हुआ व इस मौके पर बैठक का आयोजन किया गया।
यात्रा से जुड़े प्रो. शेखर पाठक ने कहा कि, “कमल जोशी एक जिंदादिल घुमक्कड़ थे। उनकी याद में निकाली गई यह एक अध्ययन यात्रा थी, जिसमें दुर्गम दर्रा लमखागा को पार किया। इसके अलावा चार बार वास्पा नदी के बर्फीले पानी को पार किया। यात्रा दल अब कमल जोशी की रचनात्मक कृतियों को पहाड़ की वेबसाइट पर डालेगा। उनकी फोटो प्रदर्शनी लगाई जाएगी, साथ ही हर जिले के युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।”
प्रदीप पांडे ने कहा कि, “यह यात्रा पर्यावरणीय, सामाजिक व सांस्कृतिक यात्रा थी। इस दौरान किन्नौर में जनसंवाद किया गया।” मनमोहन चिटवाल ने कहा कि, ‘कमल दा की घुमक्कड़ी याद में यह यात्रा की है।”